सहारनपुर | देवबंद कोतवाली में सर्वधर्म बैठक के दौरान इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार शर्मा द्वारा दिए गए एक उदाहरण ने बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। उनका कथित बयान—जिसमें उन्होंने कहा कि “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं, उदाहरण के तौर पर नक्सली हिंदू धर्म से हैं या पंजाब में पकड़े गए कुछ हिंदू आतंकवादी”—सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और देखते ही देखते मामला लखनऊ तक पहुंच गया। वीडियो सामने आने के बाद एसएसपी आशीष तिवारी ने बृहस्पतिवार को उन्हें लाइनहाज़िर कर दिया।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में हुए धमाके के बाद फैली अफ़वाहों को रोकने और माहौल शांत रखने के लिए इंस्पेक्टर ने सर्वधर्म प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में उन्होंने कहा कि किसी भी कार्रवाई में धर्म देखने की जरूरत नहीं, क्योंकि आतंकवाद किसी एक मजहब से नहीं जुड़ा होता।
इसी दौरान मौजूद किसी व्यक्ति ने उनका वीडियो बना लिया और कथित तौर पर एडिट कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो का अंश वायरल होते ही विवाद शुरू हो गया और सांसें कड़कड़ाती सर्दी की तरह तेज़ हो गईं। मामला गंभीर होता देख एसएसपी ने तत्काल कार्रवाई की।
इंस्पेक्टर शर्मा का कहना है कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। “अगर पूरी वीडियो सुनी जाए तो साफ दिखेगा कि मेरा मकसद कोई मजहबी टिप्पणी करना नहीं था। मैं तो सिर्फ यह कह रहा था कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता,” उन्होंने सफाई देते हुए कहा।
सोशल मीडिया पर बढ़ा समर्थन
हालांकि, इस बीच सोशल मीडिया पर इंस्पेक्टर के समर्थन में भी आवाज़ें तेज़ हो गई हैं। बजरंग दल देवबंद के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी, अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के जिलाध्यक्ष विकास सैनी और गौ रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश पंवार सहित कई लोगों ने दावा किया है कि वायरल वीडियो “एडिटेड” है। उन्होंने वीडियो बनाने और फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
की है।
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