Wednesday , 2 July 2025
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महिलाओं के लिए देश का सबसे असुरक्षित शहर, NCRB के चौंकाने और डराने वाले आंकड़े

  • भारत में महिलाओं के खिलाफ साल 2022 में करीब साढ़े चार लाख मामले दर्ज किए गए हैं।

  • महिलाओं के खिलाफ अपराध के सिलसिले में हर घंटे लगभग 51 प्राथमिकी दर्ज की गईं।

अपराधों को कम करने के लिए सरकार भले ही कितने ही कड़े कदम उठाने का दावे क्यों ना करती हो, लेकिन अपराध कम होने के नाम नहीं ले रहे हैं। भारत में महिलाओं के खिलाफ साल 2022 में करीब साढ़े चार लाख मामले दर्ज किए गए हैं। NCRB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किये गए।

डरावने आंकड़े

इससे पहले 2021 में 4,28,278 जबकि 2020 में 3,71,503 FIR द र्ज की गई थीं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सिलसिले में हर घंटे लगभग 51 प्राथमिकी दर्ज की गईं। आंकड़ों के अनुसार प्रति एक लाख आबादी में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 66.4 प्रतिशत रही, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दायर करने की दर 75.8 रही।

दिल्ली में सुरक्षित नहीं महिलाएं

NCRB ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत महिलाओं के खिलाफ अधिकांश (31.4 प्रतिशत) अपराध पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता किए जाने के थे, इसके बाद महिलाओं के अपहरण (19.2 प्रतिशत), शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमला (18.7 प्रतिशत) और बलात्कार (7.1 प्रतिशत) के मामले रहे। वर्ष 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की सबसे अधिक दर 144.4 दिल्ली में दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत दर 66.4 से काफी अधिक है। इस साल दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 14,247 मामले सामने आए।

UP और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले

NCRB के आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली में 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 14,277 और 2020 में 10,093 रही थी। आंकड़ों में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सबसे अधिक 65,743 प्राथमिकी दर्ज की गईं, इसके बाद महाराष्ट्र (45,331), राजस्थान (45,058), पश्चिम बंगाल (34,738) और मध्य प्रदेश (32,765) रहे। एनसीआरबी के अनुसार पिछले साल देश में जितने मामले सामने आए उनमें से 2,23,635 (50 प्रतिशत) इन पांच राज्यों में दर्ज किए गए।

ये है राज्यों की स्थिति

उत्तर प्रदेश में 2021 और 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मालमे 56,083 और 49,385 मामले दर्ज किए थे। इसके बाद राजस्थान (40,738 और 34,535), महाराष्ट्र (39,526 और 31,954), पश्चिम बंगाल (35,884 और 36,439) और मध्य प्रदेश (30,673 और 25,640) रहे।

अपराध दर

कुल 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध दर राष्ट्रीय औसत 66.4 से अधिक दर्ज की गई। सूची में दिल्ली 144.4 की दर के साथ शीर्ष पर रहा है। उसके बाद हरियाणा (118.7), तेलंगाना (117), राजस्थान (115.1), ओडिशा (103), आंध्र प्रदेश (96.2), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (93.7), केरल (82), असम (81) मध्य प्रदेश (78.8), उत्तराखंड (77), महाराष्ट्र (75.1), पश्चिम बंगाल (71.8), उत्तर प्रदेश (58.6) रहे।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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