Thursday , 13 March 2025
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WHO की चेतावनी, शुगर फ़्री के चक्कर में कहीं दिल बीमार ना हो जाए…पढ़ें रिपोर्ट

आजकल हेल्दी रहने के लिए लोग खीने में चीनी की मात्रा को कम करने के उपाय करते रहते हैं. इसकी वजह से लोग चीनी छोड़ कर आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने लगते हैं. लेकिन, अब WHO ने ऐसा करने वालों के लिए चेतावनी जारी की है. WHO के मुताबिक लंबे वक़्त तक शुगर फ़्री यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने वाले लोगों में टाइप टू डायबिटीज, दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकती है.

ये भी कहा गया है कि आजकल लोग वजन कम करने के इरादे से भी आर्टिफिशियल स्वीटनर (non-sugar sweeteners NSS) का प्रयोग कर रहे हैं. इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने  चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ऐसी भूल न करें. उनका कहना है कि सिंथेटिक स्वीटनर चीनी से अलग नहीं है और ये वजन कम करने में किसी प्रकार की कोई भूमिका अदा नहीं करते  हैं अलबत्ता ये ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.

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बताया जा रहा है कि इसका लगातार इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज कर देता है. साथ ही हृदय संबंधी रोग भी इसके लगातार इस्तेमाल से हो जाते हैं. इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इसमें कोई न्यूट्रिश्नल वैल्यू भी नहीं है. कुछ लोगों को यह भी लगता है कि नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज के रिस्क को कम करता है. यह धारणा भी गलत है. ऐसा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है.

इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए.  गौरतलब है कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मिठाई वाले भी यह दावा करते हैं कि उनकी कुछ मिठाई शुगर फ्री है. डायबिटीज से बचने के लिए लोग शुगर फ्री मिठाई का प्रयोग करने लगते हैं.

रिसर्च के अनुसार तीन महीने तक ऐसा शुगर फ्री मीठा इस्तेमाल करने से थोड़ा वजन घटा और कैलोरी कम हुई, लेकिन शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम नहीं हुई. उल्टे दिल की बीमारी की समस्या से दोचार होना पड़ा. साथ ही ब्लड में शुगर की मात्भीरा  कम नहीं हुई. ये भी देखा गया कि जिन लोगों ने 6-18 महीने तक ऐसा मीठा खाया, उनका वजन भी नहीं घटा.

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रिसर्च के लिए एक ग्रुप को आर्टिफिशियल स्वीटनर दिए गए, जबकि दूसरे को पानी दिया गया. रिसर्च के दौरान दोनों ग्रुप में कोई फर्क नहीं मिला. आश्चर्य की बात यह है कि जिन लोगों को दस वर्ष तक Non Sugar Sweeteners या आर्टिफिशियल स्वीटनर्स दिए गए थे वे मोटे हो गए.13 साल के फॉलोअप में कई लोगों में डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ गया था. वहीं, गर्भवती महिलाओं में  शुगर फ्री (Non Sugar Sweeteners)  के इस्तेमाल से समय से पहले डिलीवरी होने के मामले ज्यादा पाए गए

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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