Friday , 22 November 2024
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राज्यपाल का पद छोड़ना चाहते हैं भगत सिंह कोश्यारी, PM मोदी से कही दिल की बात

अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों में रहने वाले महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। उन्होंने गृहमंत्री से सलाह मांगी है कि उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं। कोश्यारी ने यह चिट्ठी 6 दिसंबर को लिखी थी, जो अब सामने आई है। महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को पद छोड़ने का ऐलान कर दिया।

कोश्यारी ने सोशल मीडिया पर लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैंने सभी राजनीतिक जिम्मेदारियां छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। शिवाजी को पुराने दिनों का आइकन बताने पर कोश्यारी विवादों में रहे हैं। कोश्यारी ने पिछले महीने इस विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह को चिट्‌ठी लिखकर उनसे मार्गदर्शन भी मांगा था। उन्होंने गृह मंत्री से सलाह मांगी थी कि उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं। कोश्यारी ने यह चिट्ठी 6 दिसंबर को लिखी थी, जो कुछ दिन बाद सामने आई थी। 

कोश्यारी ने ट्वीट में पद छोड़ने की बात कही है। उन्होंने लिखा- हाल ही में मैं मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। मैंने उन्हें बताया कि मैं सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहता हूं। मैंने उनसे कहा कि बचा हुआ जीवन मैं लिखने-पढ़ने और दूसरी गतिविधियों में बिताना चाहता हूं। मुझे प्रधानमंत्री से हमेशा प्यार और दुलार मिला है।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के नाम से जारी चिट्‌ठी 6 दिसंबर की है।

कोश्यारी ने कहा- वे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के कहने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल बने।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद कोश्यारी ने भी व्यक्तिगत रूप से पद छोड़ने की इच्छा जताई है। छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले और डॉ बीआर अम्बेडकर पर उनकी टिप्पणियों ने बवाल खड़ा कर दिया है। विपक्षी शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा उनके खिलाफ विरोध कर रहे हैं, खासकर उनकी इस टिप्पणी के बाद कि शिवाजी महाराज पिछले युग के प्रतीक थे और अब राज्य में बीआर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक नए प्रतीक हैं।

उन्होंने टिप्पणी पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी गलत व्याख्या की गई लेकिन विपक्ष के साथ-साथ मराठा संगठन भी उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले, एक भाजपा राज्यसभा सांसद और संभाजीराजे छत्रपति ने भी उन्हें हटाने की मांग की है। एक अधिकारी ने कहा कि कोश्यारी ने अपने पत्र में बताया है कि कैसे उनकी टिप्पणियों का चुनिंदा इस्तेमाल किया गया। पत्र में कहा गया है कि उनके भाषण के चुनिंदा हिस्से दिखाए गए और यह आलोचना का विषय बन गया।

पत्र में कहा गया है कि उन्होंने कहा था कि युवा कुछ शख्सियतों को अपना आदर्श मानते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। ष्मैंने छात्रों से कहा कि कुछ महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सुभाष चंद्र बोस को रखते हैं। महाराष्ट्र के संदर्भ में, मैंने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक के नेता आदर्शों के लिए उदाहरण हो सकते हैं। इसका मतलब यह था कि छात्र एपीजे अब्दुल कलाम, होमी को रख सकते हैं। आज भले ही देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का नाम भी उच्च सम्मान में रखा जाता है। लेकिन यह किसी भी तुलना का कारण नहीं था।

छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे देश को उन पर गर्व है। कोविड के दौरान जब लोग घरों से बाहर नहीं निकले तो मैं इन किलों पर चढ़कर शिवनेरी, सिंहगढ़, प्रतापगढ़, रायगढ़ जैसे किलों में गया। पिछले 30 वर्षों में छत्रपति शिवाजी महाराज की माता जीजाऊ भोसले के जन्म स्थान सिंदखेड राजा में जाने वाला मैं अकेला राज्यपाल हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज हमेशा मेरे लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं।

पत्र के अंतिम पैरा में कहा गया है कि 2016 में, उन्होंने हल्द्वानी (उत्तराखंड में जहां से कोश्यारी रहते हैं) में सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे और सत्ता के पदों से दूर रहेंगे। लेकिन पीएम मोदी के प्रति निष्ठा और प्यार के चलते उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद स्वीकार किया। पत्र में कहा गया है, ष्अगर मैं गलत था तो माफी मांगने में मुझे कभी संकोच नहीं होगा। मैं कभी सपने में भी महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंह, छत्रपति शिवाजी महाराज जैसी शख्सियतों के बारे में अपमानजनक नहीं सोचूंगा।ष् कोश्यारी ने ष्आगे की उचित कार्रवाईष् पर शाह से सलाह मांगी है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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