बदलते दौर के साथ अब चोरी और डकैती का दौर भी बदल गया है। साइबर चोरी और डकैत अब सबसे बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। देश-दुनिया में साइबर ठग हर दिन लोगों को किसी ना किसी तरह से चूना लगा रहे हैं। लोगों को लूट रहे हैं। डिजिटल लूट और डकैती पर एक चौकानी वाली रिपोर्ट सामने आई है। एनजीओ प्रहार की द इनविजिबल हैंड रिपोर्ट ने सभी को चौंका कर रख दिया है।
सालाना 1 लाख करोड़
रिपोर्ट के मुताबिक अगर इन हमलों को अभी नहीं रोका गया तो 2033 तक ये काफी खतरनाक हो जाएगा। इसकी संख्या सालाना 1 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा होगा, तब तक साइबर हमले हर साल 17 लाख करोड़ तक पहुंच सकते हैं।
मजबूत साइबर सुरक्षा तंत्र की जरूरत
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अगर इससे निपटना है तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा तंत्र की तत्काल जरूरत है। श्प्रहारश् के अध्यक्ष अभय मिक्षा के अनुसार, अभी साइबर हमले दो प्रकार के होते हैं। पहला तो वो जिसमें पारंपरिक हैकर शामिल होते हैं, जो पैसे कमाने के लिए सिस्टम में कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। दूसरा इससे भी ज्यादा घातक है।
2023 में 7.9 करोड़ से अधिक साइबर हमले
द इनविजिबल हैंड रिपोर्टश् के अनुसार, 2023 में 7.9 करोड़ से अधिक साइबर हमले हुए हैं। हमलों की संख्या के लिहाज से दुनिया में भारत तीसरे स्थान पर है। लगातार इन हमलों में बढ़ोतरी हो रही है और एक साल में 15 फीसद की वृद्धि देखी गई है। 2024 की पहली तिमाही में ही हमलों की संख्या 50 करोड़ से अधिक आंकी गई है।
1750 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ नुकसान
वहीं, 2024 की दूसरी तिमाही में 2023 के मुकाबले साइबर हमलों में 46 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के पहले 4 महीनों में भारतीयों को साइबर अपराधों के कारण 1750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस दौरान हमलों का शिकार हुए लोगों ने 7 लाख 40 हजार शिकायतें कीं। हमलों में लोगों से हेरफेर, जबरदस्ती या धमकियों के माध्यम से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल करने के लिए भर्ती किया जाता है। इसका इस्तेमाल अवैध सट्टेबाजी एप पर भी सबसे ज्यादा होता है।