Saturday , 16 November 2024
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उत्तराखंड : टीचर छात्रों को फेल करते हैं…ये तो सुना होगा, पर यहां छात्रों ने फेल कर दिए 382 शिक्षक

देहरादून: टीचर छात्रों को अच्छा नहीं करने पर कम नंबर देते हैं। नतीजतन कई छात्र फेल हो जाते हैं। लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है कि जो शिक्षक स्टूडेंट्स को पड़ा रहे हैं। उन शिक्षकों को उन्हीं के स्टूडेंट्स ने फेल कर दिया हो। ऐसा उत्तराखंड में हुआ है। यहां उत्तराखंड टेक्नीकल यूनिवर्सिटी (UTU) के स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के 382 शिक्षकों को फेल कर दिया। अब इन शिक्षकों को अपने शिक्षण कार्य को पहले से बेहतर बनाने के लिए मेहनत करनी होगी। 

शिक्षकों का ऑनलाइन फीडबैक मांगा

दरअसल, UTUने नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत यूनिवर्सिटी ने 22079 स्टूडेंट्स ने उनको पढ़ाने वाले 1728 शिक्षकों का ऑनलाइन फीडबैक मांगा। फीडबैक के डाटा का विश्लेषण करने के बाद यह सामने आया कि 382 शिक्षक स्टूडेंट्स की कसौटी पर खरे नहीं उतर सके। यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स से 41 अलग-अलग बिंदुओं पर शिक्षकों का तीन श्रेणी में फीडबैक हासिल किया है।

फीडबैक में 382 शिक्षकों कम नंबर मिले 

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने कहा कि यूटीयू और उससे संबद्ध सभी तकनीकी संस्थानों के छात्रों से 4 महीने पहले शिक्षकों का अनिवार्य फीडबैक मांगा गया था। सेमेस्टर परीक्षा की आनसर शीट को इंटरनेट पर देखने से पहले फीडबैक देना अनिवार्य कर दिया गया था। फीडबैक में 382 शिक्षक उत्कृष्टता की श्रेणी (80 फीसदी अंक) तक नहीं पहुंच सके।

कुछ 50% से भी कम नंबर मिले 

इनमें से 23 शिक्षकों को तो 50 प्रतिशत और उससे भी कम नंबर मिले। 807 शिक्षकों ने 80 से 90 प्रतिशत के बीच अंक हासिल किए। 455 शिक्षकों को 90 से 99 प्रतिशत नंबर भी मिले हैं। 100 में से 100 अंक पाने वाले 84 शिक्षक आदर्श बने। 80 प्रतिशत से कम नंबर वाले सभी शिक्षकों को अपने शिक्षण में सुधार करना होगा। 70 प्रतिशत से कम वालों के लिए सभी 41 पहलुओं पर फोकस करना जरूरी कर दिया गया है। 50 प्रतिशत से कम स्कोर वालों को अपने में विशेष सुधार की करना होगा।

41 सवाल पूछे गए थे

फीडबैक के लिए विवि की वेबसाइट पर जारी फॉर्म में 6 श्रेणियों के अंतर्गत 41 सवाल पूछे गए थे। जिनमें शिक्षकों का अनुशासन प्रति जोर, विषय की गहन जानकारी, शिक्षण मैथेडोलॉजी, शिक्षक का व्यवहार, प्रयोगात्मक कार्यप्रणाली, कक्षा में उपस्थिति, शिक्षक का पढ़ाते समय आत्मविश्वास, नवीन शिक्षण विधियों का उपयोग आदि को शामिल किया था।

चार विकल्पों में से एक का चुनना था

इन बिंदुओं पर छात्रों को फीडबैक के लिए चार विकल्पों में से एक का चुनना था। यानी प्रत्येक बिंदु पर सर्वश्रेष्ठ, अच्छा, सामान्य एवं खराब का विकल्प चुनना था। जिसके आधार पर कंप्यूटर पर स्टेटिस्टिक्स तैयार की गई। जिसके आधार पर नंबर दिए गए।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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