Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड : सचिवालय संघ की हड़ताल पर सरकार सख्त, नो वर्क, नो पे का आदेश जारी

देहरादून : सचिवालय संघ की हड़ताल पर सरकार ने सख्त रुख दिखाया है। सरकार ने कड़ी चेतावनी देते हुए नो वर्क, नो पे का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि जो कर्मचारी इस दौरान काम करना चाहेंगे, सरकार उनको पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी।

आदेश में कहा गया है कि राज्याधीन सेवाओं से सम्बन्धित कार्मिकों के द्वारा प्रदर्शन तथा हड़ताल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के अन्तर्गत प्रतिबन्धित है। कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर कार्मिकों के द्वारा हड़ताल / कार्य बहिष्कार किए जाने की स्थिति में कार्य नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धान्त को लागू करने सहित अन्य कतिपय दिशा-निर्देश निर्गत किए गए थे।

शासन के संज्ञान में यह आया है कि शासन द्वारा विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों पर समय-समय पर कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता करते हुए उनकी कतिपय मांगे स्वीकार की गयी हैं। इसके बावजूद भी कुछ कर्मचारी संगठनों के कार्य बहिष्कार, प्रदर्शन अथवा हड़ताल जैसी गतिविधियों में संलग्न होने अथवा कार्मिकों को तत्सम्बन्धी आह्वान करने की संभावना है जोकि व्यापक जनहित में नहीं है। इसके अतिरिक्त यदा-कदा कार्य करने हेतु इच्छुक अन्य कार्मिकों के कार्य सम्पादन में बाधा पहुंचाने का प्रयास भी किया जाता है जोकि भारतीय दण्ड संहिता के आलोक में भी दण्डनीय अपराध है।
इन परिस्थितियों में सम्यक विचारोपरान्त कार्मिकों के द्वारा राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के प्राविधानों के प्रतिकूल कार्य बहिष्कार / प्रदर्शन / हड़ताल की स्थिति उत्पन्न किए जाने की घटना के सम्बन्ध में कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया है।

(1) कार्य नहीं तो वेतन नहीं’ के सिद्धान्त के अनुरूप हड़ताल / कार्य बहिष्कार पर रहने वाले कार्मिकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष द्वारा हड़ताल पर रहने वाले कार्मिक का विवरण आहरण वितरण अधिकारी के माध्यम से कोषागार को उपलब्ध कराया जायेगा तथा कोषागार द्वारा तदनुसार निर्दिष्ट अवधि के वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा। यदि किसी कार्यदिवस के पूर्ण बहिष्कार के स्थान पर घंटों के आधार पर सामयिक बहिष्कार किया जाता है तो कार्य बहिष्कार के आठ घंटों को एक कार्यदिवस मानकर तदनुसार कुल कार्य बहिष्कार के दिवसों/ घंटों के लिए अनुपातिक गणना एवं कटौती की जायेगी।

(2) प्रत्येक विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति की कड़ाई से जांच की जायेगी और यदि कोई कार्मिक उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने के उपरान्त कार्य नहीं करते हैं तो उन्हें भी हड़ताल / कार्य बहिष्कार में सम्मिलित माना जायेगा एवं उनके सम्बन्ध में भी उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जायेगी।
(3) हड़ताल / कार्य बहिष्कार अवधि को बाद में किसी भी दशा में उपार्जित अवकाश या अन्य प्रकार के अवकाश के रूप में आगणित/समायोजित नहीं किया जायेगा, बल्कि इस अवधि को सम्बन्धित कार्मिक की सेवा में व्यवधान माना जायेगा।

(4) हड़ताल / कार्य बहिष्कार अवधि में अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी कार्मिक को सामान्य रूप से अवकाश स्वीकृत नहीं किया जायेगा।

(5) जिन सेवाओं में अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम के प्राविधान प्रभावी हैं, वहां उक्त अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

(6) हड़ताल / कार्य बहिष्कार की अवधि में जो कार्मिक कार्य पर आते हैं, उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की केजायेगी।

(7) विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष का यह व्यक्तिगत उत्तरदायित्व होगा कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाय और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता की दशा में उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी।


About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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