Monday , 2 June 2025
Breaking News

UTTARAKHAND : 98.6 डिग्री नहीं 98 डिग्री है शरीर का औसत तापमान, अब 99.1 डिग्री पर माना जाएगा बुखार

ऋषिकेश : एम्स की ओर से किए गए चिकित्सा शोध में यह तथ्य सामने आया है कि मनुष्य के शरीर का औसत तापमान औसत तापमान 98.6 डिग्री नहीं बल्कि 98 डिग्री फारेनहाइट है है। इसके अलावा निष्कर्ष में यह भी पाया गया है कि शरीर का तापमान 99.1 डिग्री फारेनहाइट से अधिक होने पर ही बुखार के लक्षण शुरू होते हैं। समीक्षा करने के लिए यह शोध प्री-प्रिंट जर्नल में प्रकाशित किया गया है। सार्वजनिक उपयोग के लिए इसे बाद में मुख्य पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा।

औसत तापमान 98.6 डिग्री नहीं बल्कि 98 डिग्री फारेनहाइट है

व्यक्ति के शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट माना जाता है। यह तापमान यदि इससे अधिक हो जाए तो मेडिकल भाषा में इसे बुखार आना कहते हैं। लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश द्वारा हाल ही में किए गए एक शोध से पता चला है कि व्यक्ति के शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री नहीं बल्कि 98 डिग्री फारेनहाइट है।

तापमान में वृद्धि होने पर उसे बुखार समझ लिया जाता है

सामान्यतौर पर शरीर के तापमान में वृद्धि होने पर उसे बुखार समझ लिया जाता है। जबकि शरीर के कटऑफ तापमान में वृद्धि होने के साथ-साथ कुछ विशेष लक्षणों के उभरने पर ही उसे बुखार समझा जाना चाहिए। इसके साथ ही शरीर का कटऑफ तापमान भी माप की साइट और व्यक्ति के लिंग व अन्य कारणों के आधार पर भिन्न-भिन्न होता है।

निष्कर्ष सभी के लिए महत्वपूर्ण

इन प्रश्नों का उत्तर तलाशने के लिए एम्स ऋषिकेश में जनरल मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पीके पण्डा और उनकी शोध टीम के सदस्यों (डॉ. नितिन, डॉ. योगेश व डॉ. अजीत ) ने इस विषय पर एक अनुवर्ती अध्ययन किया। डॉ. पण्डा ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति वर्षभर में कई बार बुखार की समस्या से ग्रसित रहता है। लिहाजा किए गए शोध का निष्कर्ष हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

1 साल तक इस विषय पर शोध

एम्स के शोधार्थियों ने 1 साल तक इस विषय पर शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने बताया कि शोध में कुल 144 प्रतिभागी शामिल किए गए थे। इन सभी प्रतिभागियों का पूरे वर्ष तक प्रत्येक दिन न्यूनतम 3 बार तापमान रिकाॅर्ड किया गया। इस प्रकार इस पूरे शोध में 23 हजार 851 आंकड़े दर्ज किए गए।

डिजिटल थर्मामीटर दिए गए थे

शोधार्थी डाॅ. नितिन ने इस शोध के बारे में बताया कि रिसर्च में शामिल किए गए सभी 144 लोगों को तापमान मापने के डिजिटल थर्मामीटर दिए गए थे। थर्मामीटर के साथ मुंह के तापमान की स्व-निगरानी का डेटा थर्मोमेट्री डायरी में रिकाॅर्ड किया गया। विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता को देखते हुए इस रिसर्च में सामान्य लोगों, बुखार से ग्रसित लोगों और बुखार उतरने के बाद की स्थिति वाले लोगों पर 3 चरणों में डेटा एकत्रित किया गया।

औसत तापमान 100.25 डिग्री से 1.44 डिग्री कम या ज्यादा था

जिसमें पाया गया कि सभी प्रतिभागियों का औसत तापमान 100.25 डिग्री से 1.44 डिग्री कम या ज्यादा था। जबकि बुखार उतरने के बाद सामान्य स्थिति का तापमान 99.1 डिग्री पाया गया। मतलब यह कि शरीर में मुंह का तापमान 99.1 डिग्री से अधिक होने पर ही उसे बुखार की परिभाषा में माना जा सकता है।

महिला और पुरुषों में इसके एक समान ही रूझान

रिसर्च टीम के हेड डाॅ. पी.के. पण्डा ने बताया कि महिला और पुरुषों में इसके एक समान ही रूझान थे। जबकि बुखार के बाद का तापमान, बुखार से पहले के तापमान से अधिक था। उन्होंने बताया कि इस शोध के आधार पर कहा जा सकता है कि पिछले 150 वर्षों के दौरान से व्यक्ति के शरीर का औसत तापमान लगातार कम होता प्रतीत हो रहा है। हालांकि इस मामले में उन्होंने अभी मनुष्य शरीर के तापमान के प्रामाणीकरण की आवश्यकता बताई है। उन्होंने बताया कि अभी इसका मूल्यांकन किया जाना शेष है। मूल्यांकन के बाद ही इसका नैदानिक अभ्यास में उपयोग किया जा सकेगा।

1886 में वैज्ञानिक वन्डरलिक ने रिसर्च

गौरतलब है कि वर्ष 1886 में वैज्ञानिक वन्डरलिक ने रिसर्च करने के बाद यह तथ्य उजागर किया था कि मनुष्य के शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है। तभी से इस तापमान को मनुष्य के शरीर का साधारण तापमान का मानक माना जाता है। इसके बाद वर्ष 1992 में इस विषय पर वैज्ञानिक मेकोवाईक द्वारा एक अन्य शोध किया गया। जिसमें उन्होंने पाया कि मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 98.2 डिग्री है।

औसत मौखिक तापमान 98.0 डिग्री फारेनहाइट

अब वर्ष 2020 में इसे फिर से चुनौती दी गई। वर्तमान अध्ययन का निष्कर्ष परिभाषित करता है कि मनुष्य का औसत मौखिक तापमान 98.0 डिग्री फारेनहाइट है। इसी प्रकार किए गए अध्ययन के आधार पर 1886 में बुखार को 100.4 डिग्री पर परिभाषित किया गया था। उसके बाद 1992 के अध्ययन में कहा गया कि शरीर का तापमान 99.9 डिग्री फारेनहाइट से अधिक होने पर बुखार होता है। हालांकि वर्तमान अध्ययन का निष्कर्ष तापमान 99.1 फारेनहाइट से अधिक होने पर ही बुखार को परिभाषित करता है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

Uttarakhand News : स्कूली छात्रों को लेकर जा रही वैन खाई में गिरी, मची चीख पुकार

पौड़ी गढ़वाल जिले में शुक्रवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। मासौ-भिताई-खंडाह …

error: Content is protected !!