देहरादून : ऑनलाइन ठगी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऑनलाइन ठगी के लिए ठग हर दिन कोई ना कोई नया तरीका खोज निकालते हैं। जब तक आप और हम पुराने तरीके से निपटने की तरकीब खोजते हैं, तब तक ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर ठग एक ठगी का एक और नया तरीका खोज निकालते हैं। ऐसा ही एक और नया तरीका इन दिनों लोगों के खातों पर बुरी नजर लगाए हुए हैं।
आप अक्सर गिफ्ट के नाम पर क्यूआर कोड को स्कैन कर देते हैं, लेकिन साइबर ठगों ने इसको भी अब ठगी का जरिया बना लिया है। अगर आपको भी किसी क्यूआर कोड को स्कैन कर गिफ्ट का ऑफर मिलता है, तो स्कैन करने से पहले यह पूरी तरह से कन्फर्म कर लें कि जिस QR कोड को आप स्कैन कर रहे हैं, वो सेफ हैं। जल्दबाजी और लालच के चक्कर में आपका खाता भी खाली हो सकता है।
यदि आपके पास अनजान व्यक्ति ने कोई उपहार पार्सल के माध्यम से भेजा है और उस पर QR कोड बना है तो जरा सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा न हो कि आप क्यूआर कोड को स्कैन कर दें और आपका खाता खाली हो जाए। क्योंकि, साइबर जालसाजों ने लोगों को जाल में फंसाकर ठगी करने का ये नया तरीका इजाद कर लिया है। पुलिस इससे लोगों को सावधान कर रही है।
साइबर ठग बैंक कर्मचारी या किसी अन्य सार्वजनिक सेवा से जुड़े कर्मचारी बनकर लोगों को फेक कॉल कर अपने जाल में फंसा लेते हैं। बातों ही बातों में वो लोगों को एक QR कोड भेजते हैं और उसे स्कैन करने के लिए कहते हैं। उनके जाल और लालच में लोग क्यूआर कोड को स्कैन कर ले रहे हैं, जिससे उनके खाते से रकम साफ हो रही है।
हरिद्वार जिले के रुड़की में एक युवती के पास एक पार्सल भेजा गया। अनजान व्यक्ति की ओर से भेजे गए गिफ्ट पर QR कोड बना था। पहले युवती ने स्कैन करने की कोशिश की, लेकिन बाद में किसी परिचित से बात की और स्कैन नहीं किया। पुलिस में शिकायत करने पर मालूम हुआ कि ये साइबर ठगों की साजिश थी।
ऐसा ही एक मामला ज्वालापुर निवासी एक युवती को पार्सल भेजा गया। ऑनलाइन संपर्क होने के बाद उस तक पार्सल पहुंचा। तब पार्सल पर बना QR कोड स्कैन कर दिया। तब उसके खाते से 12 हजार की रकम उड़ गई। पुलिस ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस लगातार लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूक कर रही है। बावजूद लोग ठगों के जाल में फंस जाते हैं।