देहरादून : विधानसभा चुनाव निपटने के बाद भाजपा-कांग्रेस घमासान मचा हुआ है। जहां कांग्रेस में मुख्यमंत्री बनने को लेकर बयानबाजी हो रही है। वहीं, भाजपा में विधायक और अन्य प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और दूसरे नेताओं पर हराने का आरोप लगा रहे हैं।
10 मार्च को पता चल जाएगा कि राज्य की जनता ने किसको मौका दिया है। लेकिन नतीजों से पहले ही भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है। एक के बाद एक आरोप सरकार को अचंभित कर रहे हैं। पहले लक्सर से भाजपा विधायक संजय गुप्ता फिर कैलाश गहतोड़ी और हरभजन सीमा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बकायदा वीडियो जारी कर मदन कौशिक को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। क्या ये हर की घबराहट है। इन आरोपों से उत्तराखंड में भाजपा असहज हो गई है। खबर है कि इसके बाद सीएम धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को हाईकमान ने दिल्ली तलब किया है।
मदन कौशिक के नाम से एक ट्वीट भी वायरल हुआ जिसमे लिखा गया कि भाजपा उत्तराखंड में हार रही है। इसलिए मैं आज पार्टी से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देता हूं। सीएम धामी को मैंने बहुत बहुत समझाने की कोशिश की मगर उनकी लालसा देवभूमि में भाजपा को ले डूबी है। भाजपा ने इसे फर्जी ट्वीट बताया और एसएसपी से इसकी शिकायत की।
उत्तराखंड एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। लेकिन, सच्चाई सामने आने से पहले सीएम धामी और मदन कौशिक ने दिल्ली का रुख किया है। जानकारी मिली है कि पार्टी के अध्यक्ष पर आरोप लगाने वाले विधायकों के बागी तेवरों को देखते हुए भाजपा की ओर से उनसे जवाब तलब करने की तैयारी चल रही है।
उत्तराखंड में एक के बाद एक कर उठ रहे मुद्दों को लेकर हाईकमान गंभीर है और सीएम धामी और मदन कौशिक को दिल्ली तलब किया गया है।जानकारी मिली है कि सीएम धामी औऱ मदन कौशिक दिल्ली पहुंच गए हैं और वो पूरा ब्यौरा केंद्रीय आलाकमान के सामने रखेंगे और फिर हाईकमान फैसला करेगा कि आखिर इसका हल क्या है।
विधायकों के आरोप से साफ है कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस इसे हार की बौखलाहट करार दे रही है। तो क्या सच में ये हार की बौखलाहट है? या अपनों ने सच में उनको जख्म दिया है?
अपनों का जख्म इसलिए कह रहे हैं क्योंकि संजय गुप्ता ने आरोप लगाया कि मदन कौशिक ने भाजपाइयों को बसपा के प्रत्याशी को वोट करने को कहा और मेरे पक्ष में वोट ना डालने को कहा. अब इस बात मे कितनी सच्चाई है वो तो संजय गु्प्ता और मदन कौशिक ही जाने लेकिन ये सच में जांच का विषय है।
क्या सच में अपने ने ही अपने के पीठ पीछे छुरा घोंपने का काम किया है? या विधायक को अपनी हार निश्चित लग रही है? ये पार्टी के लिए भी जानना जरुरी है कि क्या जो विधायक आरोप लगा रहे हैं वो सच में सही है या नहीं?