उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र :
खनन माफ़ियों को कौन आइसोलेट करेगा, महोदय ?
भाकपा माले के गढ़वाल सचिव कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी में कोटद्वार में खनन माफिया के खूनी खेल को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को खुला पत्र लिखा है। कॉमरेड मैखुरी ने अपने पत्र में सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने जीरो टॉलरेंस की सरकार में खनन के अवैध कारोबार पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी का खुला पत्र….
महोदय,
उम्मीद है आप स्वस्थ होंगे. प्रदेश कोरोना का कहर झेल रहा है. लेकिन इसी प्रदेश के कोटद्वार शहर में कोरोना से भी ज्यादा बड़ा खतरा खनन माफिया का हो गया है.
बीते दिनों पत्रकार राजीव गौड़ और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता मुजीब नैथानी कोटद्वार में चल रहे अवैध खनन को फ़ेसबुक लाइव के जरिये उजागर कर रहे थे. उस लाइव वीडियो को देख कर सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि किस तरह से कोटद्वार में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तीन मीटर खनन की सीमा से कई गुना अधिक खनन की तस्वीरें मुजीब नैथानी और राजीव गौड़ फ़ेसबुक लाइव के जरिये सामने लाये.
इससे बौखलाए खनन माफियाओं ने मुजीब नैथानी और राजीव गौड़ पर हमला बोला दिया. राजीव गौड़ को बुरे तरीके से मार-पीट कर लहूलुहान कर दिया गया. मुजीब नैथानी पर भी गोलियां चलाये जाने की खबर है. सुखद यह है कि वे बच गए.
होना तो यह चाहिए था कि राजीव गौड़ को लहूलुहान करने और मुजीब नैथानी पर गोली चलाने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाता. पर कोटद्वार पुलिस ने इसके ठीक उलट राजीव गौड़ और मुजीब नैथानी पर ही हत्या के प्रयास समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा कर लिया. यह आश्चर्यजनक है कि जिन्होंने राजीव गौड़ को लहूलुहान किया और मुजीब नैथानी पर गोली चलायी,उनके विरुद्ध हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
उक्त दोनों व्यक्तियों पर हमला करने वालों की तरफ से जो एफ.आई.आर. कोटद्वार पुलिस ने दर्ज की है, उसमें कहा गया है कि उक्त दोनों व्यक्ति खनन की एवज में रंगदारी मांग रहे थे. प्रश्न यह है कि यदि ऐसा हो रहा था तो उक्त दोनों पर हमला करने और लहूलुहान करने वाले, हमला करने के बजाय पुलिस के पास क्यूँ नहीं गए ? जो पुलिस हमला करने के बावजूद, उनकी तरफ से, लहूलुहान होने वालों पर ही हत्या के प्रयास का मुकदमा लिख दे रही है,वो पुलिस उनसे अवैध वसूली की कोशिश करने वालों को क्यूँ कर नहीं पकड़ती ?
सवाल यह भी है कि यदि खनन नियमसम्मत तरीके से हो रहा था तो उक्त दोनों लोगों के वीडियो बनाने से हमलावरों को इस कदर बौखलाने की जरूरत क्या थी कि एक व्यक्ति का सिर फोड़ दिया गया और दूसरे व्यक्ति पर गोली चलाई गयी, जिससे वह संयोगवश बच गया. इससे साफ है कि अवैध खनन किया जा रहा था, जिसकी फ़ेसबुक लाइव के जरिये पोल खुलती देख, हमलावरों ने उक्त दोनों व्यक्तियों पर जान लेवा हमला कर दिया.
महोदय,स्वास्थ्य के मद्देनजर आप क्वारंटीन हो गए हैं. लेकिन सवाल है कि खुलेआम तांडव मचाते खनन माफिया को क्वारंटीन कौन करेगा ? अभी इनको आइसोलेट नहीं किया गया तो प्रदेश में लोगों की जान और प्राकृतिक संसाधन दोनों के लिए गंभीर खतरा हो जाएगा.
अतः हमारी यह मांग है कि कोटद्वार में राजीव गौड़ और मुजीब नैथानी के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुकदमा रद्द किया जाये,उन पर हमला करने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास और अवैध खनन के लिए मुकदमा चले. उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत शांत प्रदेश में खनन माफिया ऐसा खुलेआम तांडव करे और पुलिस कुछ नहीं सुनने-कुछ नहीं देखने की मुद्रा में आ जाये,यह कतई स्वीकार्य नहीं हो सकता.
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए आप तत्काल हस्तक्षेप करेंगे,ऐसी अपेक्षा है.
सहयोगाकांक्षी
इन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाली सचिव
भाकपा(माले)