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उत्तराखंड: कांग्रेस का BJP पर बड़ा आरोप, जमीनों में हुआ खेल, ये है पूरा मामला!

देहरादून: केदारनाथ उप चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता एक मंच पर नजर आए। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से लेकर गणेश गोदियाल, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, भुवन कापड़ी और मनोज रावत ने साथ बैठकर प्रैस कॉन्फ्रेंस की और भाजपा पर कई गंभीर सवाल उठाए।

खासतौर पर प्रदेश में जमीनों को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकारों पर बड़ा खेल करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने जमीनों के मामले में पाप किया है तो धामी सरकार ने महा पाप किया है।

पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत ने कहा कि प्रदेश में भू कानून को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन हो रहे हैं। हाल ही में सीएम ने अगस्त्यमुनि में कार्यक्रम में घोषणा की है कि वह बहुत सख्त भू कानून लाने जा रहे हैं। इससे पहले भी सीएम ने 2022 में उच्च अधिकार समिति बनाई थी। उसने क्या किया हम नहीं जानते। उत्तराखंड में जो प्रचलित भू-कानून है, उसकी दो धाराओं में बदलाव करके किसे फायदा पहुंचाया गया।

कांग्रेस ने सवाल किया कि इन बदलाव के बाद उत्तराखंड की कितनी जमीन कितने लोगों को दी गई है, उसका खुलासा करेंगे। हरिद्वार और पौड़ी जिले का हमने सर्वे किया है। जिसमें जमीनों का खेल सामने आया है। मसूरी के पास पार्क इस्टेट की 422 एकड़ जमीन थी। इसमें से पर्यटन विकास के लिए यूपी ने पूर्व में अधिग्रहित की थी।

यूपी के जमाने में समाजवादी पार्टी की सरकार में इस जमीन को एक कम्पनी को देने पर विरोध हुआ था। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने 172 एकड़ पर्यटन की भूमि में से 142 एकड़ भूमि एक एडवेंचर स्पोर्ट्स कम्पनी को एक करोड़ सालाना किराये पर 15 साल के लिए दे दी है।

उत्तराखंड सरकार ने खरबों की भूमि एक कंपनी को दी। वहां से हेलिकॉप्टर संचालन था। 15 साल काम करने के बाद पर्यटन विभाग चाहेगा तो सबसे पहले इसी कम्पनी को देगा। इससे पहले सरकार ने उस जमीन के रख रखाव के लिए एडीबी से 23 करोड़ का कर्ज लिया।

जिस कंपनी को काम दिया गया, उसकी शर्तें बदली गईं। इस वजह से राजस स्पोर्ट्स कम्पनी को ठेका दिया गया। टेंडर डालने वाली तीन कंपनियां हैं, जिनका ऑफिस एक ही जगह है। उत्तराखंड सरकार वित्त अनुभाग के शासनादेश का उल्लंघन किया गया है। कंपनी ने सबसे पहले इस जमीन के आसपास रहने वालों के सभी रास्ते बंद कर दिए। इस जमीन से नियमविरुद्ध हेलिकॉप्टर संचालन हो रहा है। सरकार ने पिछले साल केदारनाथ के लिए भी राजस एरो स्पोर्ट्स को काम देना चाहती थी, जो विरोध के बाद रुका था।

कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि  2018 के बाद भू कानून में 11 परिवर्तन किए गए। त्रिवेंद्र सरकार ने जमीनों के मामले में पाप किया है तो धामी सरकार ने महापाप किया है। कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने ये नियम जोड़ा था कि जमीन का प्रयोग नहीं किया जाएगा तो वह जमीन सरकार में निहित होगी। धामी सरकार ने 2022 में ये नियम हटा दिया। सदन में उस समय ये विधेयक लाए गए हैं, जब विपक्ष ने बहिष्कार किया है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन पर उत्तराखंड के जन मानस का अधिकार होना चाहिए। ये जमीनों का बड़ा घोटाला है। लैंड यूज बदल दिए गए। जनमानस का सरकार से भरोसा उठ गया है। सरकार इस ममले पर अपना रुख स्पष्ट करे।

कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में तिवारी सरकार ने सशक्त भू कानून बनाया था, वह अपने आप में बहुत मजबूत था। मेरी अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडल की उप समिति ने सिफारिश की थी कि भू कानून के लिए उत्तराखंड के मूल निवासियों के लिए राहत दी जाए जो कि पिछली सरकार ने नहीं किया। आज फिर राज्य आंदोलन की भांति ही माहौल बन रहा है। हमारी प्रदेश की सरकार उत्तराखंड के लोगों के साथ अन्याय कर रही है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि 1961, 1962 के बाद से प्रदेश में बंदोबस्ती नहीं हुई, जो जल्दी किया जाए। कुमाऊँ मंडल विकास निगम ने भी इसी कम्पनी के साथ मिलकर हेली सेवा शुरू की है। लोगों की पुश्तैनी जमीनों को सरकार निहित कर रही है। जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। प्रदेश में 80% से ज्यादा जमीनें बंजर पड़ी हैं। राजा भैया की जमीन सरकार में निहित करने वाले कल हमारी और आपकी बंजर जमीनें भी सरकार में निहित करेगी।

कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार बहती हुई नदी के पास बगुले भगत की तरह है। सीएम धामी ने मजबूत भू कानून की बात की थी। अगर उन्हें लग रहा है कि गलत हो रहा है तो तत्काल अध्यादेश लाना चाहिए था। लेकिन सरकार ने सख्त कानून की घोषणा कर उन लोगों को अलर्ट किया है। उत्तराखंड में एक न्यायिक आयोग बने। वह आयोग गड़बड़ी करने वालों की जांच करे। उन्होंने सीएम के इस्तीफे की मांग की।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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