देहरादून: उत्तराखंड में एक से बढ़कर एक नकल माफिया सामने आ रहे हैं। जब से UKSSSC में नकल माफिया का खुलासा हुआ है, तब से उत्तराखंड पूरे देश में बदनाम हो चुका है। युवाओं को सरकार की किसी भी एजेंसी पर भरोसा नहीं रहा है। लाख दावों के बाद भी सरकार और सरकार की संस्थाएं नकल रोकने में नाकाम साबित हुई हैं। UKSSSC में पेपर लीक कांड के बाद लोक सेवा आयोग (UKPSC) पर सराकर ने भरोसा जताया था। लेकिन, आयोग के भीतर बैठे नकल माफिया ने आयोग की पोल खोलकर रख दी।
एक के बाद एक पेपर लीक कांड से सरकार सवालों के घेरे में हैं। आयोग का दावा है कि पुलिस और सतर्कता विभाग को पहले ही पूरी जानकारी दे दी गई थी। तैनाती के लिए भी पत्र लिखा गया थाख् लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। सवाल यह है कि आखिर युवाओं के साथ कब तक ऐसे ही खिलवाड़ किया जाता रहेगा। कब तक एक के बाद एक भर्ती परीक्षाओं को पेपर लीक होते रहेंगे।
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आयोग का नौकरी माफिया संजीव चतुर्वेदी उत्तराखंड लोकसेवा आयोग में रहकर 2018 से भर्तियों में खेल करता आ रहा है। एसटीएफ की जांच में लेखपाल-पटवारी भर्ती के अलावा JE, AE और प्रवक्ता भर्तियांें भी पेपर लीक की पुष्टि हुई है। माफिया संजीव ने पेपर लीक कराने के लिए 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी वसूले। एसटीएफ इन भर्तियों में हुए खेल का भी जल्द खुलासा कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की गिरफ्त में आते ही संजीव चतुर्वेदी ने अपने सारे काले कारनामे तोते की तरह उगल दिए। बताया कि उसने सिर्फ यही पेपर लीक नहीं कराया था बल्कि यह काम तो वह बीते चार साल से करता आ रहा है। जितना उसे याद था, उसमें से उसने तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (JE), सहायक अभियंता (AE) और प्रवक्ता भर्ती शामिल है।
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ये भर्तियां आयोग (UKPSC) ने 2021 में निकाली थीं। इनके रिजल्ट आ चुके हैं।एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन भर्तियों के पेपर उसने बड़े दाम लेकर आउट किए थे। इनमें एई के पेपर के लिए 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए गए। जबकि, जेई और प्रवक्ता के लिए प्रति अभ्यर्थी 30 से 35 लाख रुपये वसूल किए। STF अब इन अभ्यर्थियों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि इन भर्तियों में शामिल हुए नकलची अभ्यर्थियों के रिजल्ट भी रद्द करा दिए जाएंगे। साथ ही एसटीएफ इन सभी को भी मुल्जिम बना सकती है।
कितने अभ्यर्थी किस परीक्षा में
STF ने अब तक अभ्यर्थियों की संख्या की भी तस्दीक कर ली है। जेई भर्ती में तीन अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। जबकि, एई के लिए पांच अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदा था। प्रवक्ता पद के लिए अब तक एसटीएफ तीन अभ्यर्थियों के नामों की पुष्टि कर चुकी है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या और भी हो सकती है। यदि संख्या ज्यादा हुई तो STF इन परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी पत्र भेज सकती है।
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अभी तक केवल 2021 में तीन भर्तियों पर दाग का पता चला है। सूत्रों के अनुसार, अभी आरोपियों से पूछताछ चल रही है। ऐसे में हो सकता है कि कुछ और परीक्षाओं पर भी इसी तरह से दाग हों। ऐसे में 2018 से अब तक की सभी परीक्षाओं की जांच भी की जा रही है। एसटीएफ इसके लिए आयोग के अधिकारियों से संपर्क कर सभी का विवरण जुटा रही है।