देहरादून: कोरोना महामारी के कारण इस साल बोर्ड की 10वीं और 12 वीं की परीक्षाएं रदद् कर दी गई थी। इसके बाद छात्रों के रिजल्ट तैयार करने को लेकर फार्मूला जारी किया गया। इसके अनुसार 10वीं से 30 फीसदी, 11वीं से 30 फीसदी अंक जोड़े जाएंगे।
12वीं में प्री बोर्ड, मिड-टर्म एग्जाम और यूनिट टेस्ट से 40 फीसदी अंकों को जोड़कर परिणाम तैयार किए जाएंगे। बोर्ड के नतीजों की घोषणा जुलाई के आखिर में यानी कि 31 जुलाई को जारी कर दिया जाएगा। 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि आनलाइन क्लास, प्री-बोर्ड और छमाही परीक्षा में शामिल न होने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा। केंद्रीय माध्यमिक बोर्ड (CBSE) ने इसकी तैयारी कर ली है।
CBSE की ओर से जारी सर्कुलर में साफ कर दिया है कि 2020-21 सत्र में ऑनलाइन क्लास, प्री-बोर्ड और छमाही परीक्षाओं में गायब रहने वाले छात्रों को अनुपस्थित माना जाएगा। ऐसे छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा या नहीं, इसका अंतिम फैसला बोर्ड के हाथों में होगा।
CBSE की ओर से स्कूलों को भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि जो छात्र पूरे साल स्कूल के संपर्क में नहीं थे, स्कूल की किसी परीक्षा में शामिल नहीं हुए और ऑनलाइन क्लास भी अटेंड नहीं की, इन्हें अनुपस्थित माना जाए। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुपस्थित के रूप में चिह्नित छात्रों के नतीजे जारी न किए जाएं।
CBSE क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने कहा कि, ऑनलाइन क्लास, प्री बोर्ड और छमाही परीक्षाओं को लेकर हर एक बच्चे का डाटा स्कूल प्रबंधन के पास उपलब्ध है। ऐसे में अगर कोई छात्र ऑनलाइन क्लास, प्री बोर्ड और छमाही परीक्षाओं से गायब रहा तो उस छात्र को अनुपस्थित माना जाएगा।
कोरोना संकट को देखते हुए CBSE ने साल 2021-22 सत्र की 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के लिए नई व्यवस्था की है। इसके तहत सत्र को दो भागों में बांटा जाएगा, जिसमें 50-50 प्रतिशत सिलेबस होगा। पहले हिस्से की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में कराई जाएगी, जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी।