Friday , 22 November 2024
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सरहद के रखवालों को CM पुष्कर सिंह धामी का सलाम, ITBP की पासिंग आउट परेड में हुए शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ITBP एकेडमी, मसूरी में ITBP के 42 सहायक सेनानी (GD) और 11 सहायक सेनानी (अभियन्ता) की पासिंग आउट परेड समारोह में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने सभी 53 प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें आईटीबीपी जैसे उत्कृष्ट बल में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

हिमवीर लद्दाख के कराकोरम पास से अरुणाचल प्रदेश के जेचप ला तक 3488 किमी की अति दुर्गम सीमा की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी के साथ कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हर संघर्ष में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने बल के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं।

“ये देश चैन से सोता है,

वो पहरे पर जब होता है,

जो आँख उठाता है दुश्मन तो अपनी जान वो खोता है,

उनकी वजह से आज सुरक्षित ये सारी आवाम है,

सरहद पर खड़े रखवालों को दिल से मेरा सलाम है।”

हिमवीरों का सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक पूर्व सैनिक के पुत्र हैं और इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ‘वीर भोग्या वसुन्धरा’। हमारे आईटीबीपी के हिमवीर हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा, अपने ध्येय वाक्य “शौर्य दृढता, कर्म निष्ठा के साथ करते है। हिमालय में माउन्टेन क्लाईमबिंग हो या रीवर राफ्टिंग जैसे साहसिक खेल-कूद या फिर सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के लिये कल्याणकारी गतिविधियों का आयोजन, प्रत्येक क्षेत्र में इस बल ने न केवल अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि अन्य बलों के लिए उदाहरण भी प्रस्तुत किये है।

आईटीबीपी का आभार व्यक्त किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि बल द्वारा आपदा प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। बल के हिमवीरों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को बेहद तत्परता एवं कुशलता के साथ किया है।  2013 की केदारनाथ आपदा तथा 2021 में तपोवन आपदा के समय आईटीबीपी के द्वारा आपदा प्रबंधन हेतु किये गये प्रयासों से जान माल की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सका। इस बल द्वारा हमारे राज्य में कैलाश मानसरोवर यात्रा, चार धाम यात्रा तथा राज्य के सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में यात्रियों एवं आमजनमानस को सुरक्षा एवं मेडिकल कवर प्रदान करवाने की जिम्मेदारी को लगातार कई वर्षों से सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य की समस्त जनता की ओर से बल कर्मियों के इस अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त  किया।

सैनिकों के परिजनों के दर्द को महसूस किया है 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सैनिक की वीरता तो बाल्यकाल से देखी ही है पर उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है।  उस माँ बाप का दर्द देखा है जिसका बेटा सीमा पर देश की आन, बान शान के लिये लड़ रहा है। उस पत्नी के आँखों की विकलता देखी है जो पति के आने की बाट जोहते-जोहते कब बूढी व बीमार हो जाती है पता ही नही चलता।  उन बच्चों की सिसकती हुई किलकारियों को सुना है जो अपने पिता से गले मिलने को व्याकुल हों।

कल्याण को ध्यान में रखेंगे

कितना संघर्ष है एक सैनिक के जीवन में परन्तु इसके बावजूद भी वो दृढता पूर्वक अपने देश के स्वाभीमान को बचाने के लिये हमेशा तत्पर रहता है। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे पूरे समर्पण के साथ कार्य करेंगे और हमेशा अपने मातहतों के कल्याण को ध्यान में रखेंगे। एक कुशल और योग्य लीडर के रूप में अपने आपको साबित करेंगे। मुख्यमंत्री ने अकादमी के प्रशिक्षण स्टाफ को भी उत्कृष्ठ स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इसी प्रकार का बेहतरीन प्रशिक्षण प्रदान करते रहेंगे।

इस अवसर पर सुरजीत सिंह देसवाल, (IPS) महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजी अभिनव कुमार, दलजीत सिंह चौधरी, मनोज रावत एडीजी आईटीबीपी,  निलाभ किशोर, (IPS) महानिरीक्षक/निदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी, अजयपाल सिंह, ब्रिगेडियर डाॅ. रामनिवास भी मौजूद रहे।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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