Dehradun : एक्टिविस्ट, लेखक त्रेपन चौहान के निधन पर भाकपा (माले) की राज्य कमेटी शोक प्रकट करती है और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है. राज्य कमेटी काॅमरेड इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि त्रेपन चौहान एक जनपक्षधर व्यक्ति थे जो अपनी लेखनी और आंदोलनात्मक सक्रियता के जरिये गरीबों, मजदूरों, किसानों के हक में खड़े रहे. उत्तराखंड में जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधनों पर जनता के अधिकारों के संघर्ष में वे मजबूती से खड़े रहे. टिहरी के फलेंडा में बनने वाली जलविद्युत परियोजना में जनता की बेदखली के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों को संगठित करके लंबा आंदोलन उन्होंने चलाया. बड़ी कंपनियों की बड़ी परियोजनाओं के बजाय स्थानीय लोगों द्वारा संचालित छोटी परियोजनाओं के समर्थक त्रेपन चौहान थे.
यमुना और हे ब्वारी जैसे उत्तराखंड आंदोलन की पृष्ठभूमि पर उपन्यास उन्होंने लिखे. देहरादून में निर्माण मजदूरों को संगठित करने का काम उन्होंने किया. जीवन के अंतिम समय तक गंभीर बीमारियों से जिस जिजीविषा से वे जूझते रहे, वह अनुकरणीय है. भाकपा (माले) के साथ उनका मित्रवत एवं सहयोगपूर्ण रिश्ता था. त्रेपन चौहान के असामयिक निधन से पार्टी और प्रदेश की जनपक्षधर ताकतों ने अपना एक अनन्य सहयोगी खो दिया है.