देहरादून: देशभर में लोग कोरोना के कारण लाॅकडाउन में फंसे लोगों की मदद में जुटे हैं। कई लोग राशन बांटने में जुटे हैं। इस काम में कई लोग दिन-रात एक किए हुए हैं। इन कोरोना वारियर्स ने सरकारों को एक पिलर की तरह डटकर सहयोग किया। यूं कहें कि सरकारों को एहसास ही नहीं होने दिया कि कितने लोगों को रोजाना खाना खिलाया जा रहा है। एक ऐसे ही समाजसेवी हैं शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’।
समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ पिछले 54 दिनों से लगातार लोगों की मदद करने में जुटे हैं। अब तक वो ढाई हजार से अधिक लोगों को राशन बांट चुके हैं। मैठाणी के साथ उनकी दोनों नन्ही बेटियां मनस्विनी और यशस्विनी भी पिछले 54 दिनों से लगातार काम कर रही हैं। उनके काम की लोग सराहना भी कर रहे हैं। अब उन्होंने सोशल डिस्टेंश को मेंटेन करने और कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए खास तरीखा खोज निकाला है।
शशि भूषण मैठाणी ने जरुतमन्दों को राशन मुहैया कराने के लिए एकदम नया तरीका निकाला है। वो घर से जरूरतमंद परिवारों को डिजिटल कूपन दिये जा रहे हैं, जिसे दिखाकर जरूरतमंद ग्रोसरी स्टोर से निःशुल्क राशन प्राप्त कर लेगा। बस उसे स्टोर मैनेजर को डिजिटल कूपन दिखाना होगा। डिजिटल कूपन वाला आईडिया पूरे देश में अभी तक किसी का नहीं है। मेरा मानना है इससे सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन होगी व पारदर्शिता भी बनी रहेगी सबका रिकार्ड मेंटेन होगा।