Wednesday , 18 June 2025
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उत्तराखंड : देशभर के बड़े अस्पतालों ने कर दिया था इंकार, AIIMS के डाॅक्टरों ने कर दिखाया वो काम

ऋषिकेश : AIIMS के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने राजस्थान निवासी एक युवक का जटिल न्यूरो ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है। न्यूरो की जटिल समस्या के चलते युवक पिछले तीन साल से अपने पैरों पर नहीं चल पाता था। उसका पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था। उसे घर के लोग उठाकर एक से दूसरी जगह ले जाते थे। राजस्थान के कंकोली गांव निवासी 27 साल के युवक को न्यूरो संबंधी दिक्कतों के चलते पिछले तीन वर्षों से पांव से चलने-फिरने में तकलीफ रहती थी।

न्यूरो की जटिल बीमारी से ग्रसित युवक का सीने से नीचे का पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था। उसके शरीर के निचले हिस्से में हरवक्त दर्द बना रहता था। जिस पर किसी भी दवा का कोई असर नहीं होता था। डॉक्टरों के अनुसार युवक का पिछले एक वर्ष से शौच व पेशाब का कंट्रोल भी खत्म हो गया था। युवक ने राजस्थान के कई अस्पतालों में अपना उपचार किया, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।

इसके बाद युवक ने जयपुर व दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में ​से अपना उपचार कराया, मगर नतीजा सिफर रहा। युवक ने बताया कि उसने जहां भी न्यूरो सर्जन से परीक्षण कराया, सभी ने उसके ऑपरेशन में बड़ा रिस्क बताकर टाल दिया। साथ ही उसे बताया गया कि उसके पैरों में जीवनभर लकवे की शिकायत बनी रहेगी और वह कभी भी अपने पैरों पर नहीं चल पाएगा।

सभी अस्पतालों से मायूस हो, थक-हारकर आखिरकार युवक ने अपने इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स की ओर रुख किया। यहां न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉक्टरों ने युवक का एमआरआई कराया, जिसमें मरीज की स्पाइनल काॅर्ड में गांठ पाई गई। जिसके बाद एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसके ऑपरेशन का निर्णय लिया। जटिल सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने युवक की स्पाइनल कॉर्ड में बनी गांठ को निकाल दिया। एम्स में सफलतापूर्वक सर्जरी के बाद युवक 4 से 5 दिनों में हल्के सहारे के साथ अपने पैरों पर चल पा रहा है, साथ ही उसके पेशाब का कंट्रोल भी आ गया है।

विशेषज्ञों ने बताया कि जल्द ही युवक सामान्य जीवनयापन करने लगेगा। सफलतापूर्वक हाईरिस्क सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर राधेश्याम मित्तल, डा. रजनीश कुमार अरोड़ा,राजशेखर शामिल थे, साथ ही न्यूरो एनेस्थिसिया विभाग की टीम ने सहयोग किया।निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान में मरीजों को वल्र्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में संस्थान में माइक्रो न्यूरो सर्जिकल स्किल लैब की स्थापना की जाएगी, ताकि यहां पर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स व युवा न्यूरो शल्य क्रिया चिकित्सक भी इस तरह की जटिल सर्जरी में दक्षता हासिल कर सकें व इसका लाभ मरीजों को मिल सके।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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