देहरादून: उत्तराखंड में आपदाएं आती रहती हैं। एक्सीडेंट भी होते रहते हैं। रेस्क्यू में कई मर्तबा दिक्कतें आती हैं। आपदा, यातायात और सुरक्षा सहित तमाम कामों के लिए ड्रोन फोर्स बनेगी।
इसके लिए तीन सौ पुलिसकर्मियों को ड्रोन की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही राज्य को ये तीन सौ ड्रोन पायलट मिलेंगे। पिछले कुछ सालों में पुलिस और वन विभाग सहित तमाम विभागों में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
खासकर राज्य में आपदाओं के वक्त ड्रोन की काफी अहम भूमिका रही है। इसके अलावा कुंभ और इस तरह के बड़े आयोजनों में भी ड्रोन से सुरक्षा,यातायात और काउड मैनेजमेंट काफी सरल हुआ है। लेकिन पुलिस के पास ड्रोन होन के बावजूद इसको बेहतर तरीके से चलाने वाले पायलट नहीं हैं।
ऐसे में राज्य के करीब तीन सौ युवा पुलिसकर्मियों को आईटीडीए ड्रोन उड़ाने और उसके पूरे उपयोग की विशेष ट्रेनिंग दे रहा है, जिनकी ट्रेनिंग शनिवार को ही पूरी होगी। ऐसे में राहत भरी बात यह है कि आपदा के समय फंसे लोगों को आसानी और जल्दी से रेस्क्यू किया जा सकेगा।
एडीजी अतिम सिन्हा, निदेशक आईटीडीए का कहना है कि हमारे पास देश का सबसे पुराना ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर है, जिसमें इन पुलिसकर्मियों को ड्रोन उड़ाने और उनके सारे उपयोगों की ट्रेनिंग दी जा रही है। शनिवार को ये ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी। ये बेहद कारगर सिद्ध होगी।