देहरादून: पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के बीच विवाद अब थमता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि जिस समस्या के समाधान के लिए वो मंत्री और मुख्यमंत्री से मिले, उसका समाधान हुआ या नहीं? लेकिन, इतना जरूर है कि मंत्री के साथ अपने व्यवहार को लेकर उन्होंने खेद जताया है।
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के सामने किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने मंत्री सुबोध उनियाल को पिता तुल्य बताते हुए कहा कि यह परिवार का मसला है। विवाद के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी विधायक को तलब किया। अध्यक्ष ने कहा मामले का समाधान किया जाएगा।
उत्तरकाशी जिले के दो अलग-अलग वन प्रभागों में तैनात डीएफओ दंपती को हटवाने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और भाजपा के पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच तीखी बहस हो गई। बात यहां तक बढ़ गई कि जिस कागज पर वन मंत्री ने जांच के आदेश दिए थे, विधायक ने मंत्री के सामने ही वह कागज फाड़कर हवा में उछाल दिया।
विधायक ने मंत्री पर जातिसूचक शब्द कहने के भी आरोप लगाए थे। इतना ही नहीं मंत्री पर धक्के मारकर भगाने का भी आरोप लगाया है। हालांकि, इनकी सच्चाई क्या है। यह वही जानते हैं। क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनकी बातों की जांच भी होनी चाहिए।
दूसरी और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पर भी पार्टी को उसी तरह से सख्ती दिखानी चाहिए, जिस तरह से विधायक को तलब किया गया। हाल ही में सुबोध उनियाल को वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो हाईकोर्ट के लिए अपशब्द कहते सुने जा रहे हैं। बेरोजगारों के साथ भी अभद्रता कर चुके हैं। हल्द्वानी का जहर प्रकरण भी उन्हीं से जुड़ा है। बावजूद पार्टी कोई एक्शन नहीं लेती है।