- शिक्षकों की पदोन्नति में सहयोग करें शिक्षक संगठन.
- शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर हुआ मंथन.
देहरादून : विद्यालयी शिक्षा बोर्ड की परिषदीय परीक्षा-2023 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 467 छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्मानित किया जायेगा। जिसकी तैयारी के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। शिक्षा विभाग में लम्बे समय से पदोन्नति के रिक्त पद जल्द से जल्द भरे जा सके, इसके लिये विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों को आपसी सहमति बनाकर विभाग को सहयोग करने को कहा। इसके अलावा बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल एवं अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि सूबे में गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, इसके लिये शिक्षा विभाग कई योजनाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालयी शिक्षा बोर्ड की परिषदीय परीक्षा-2023 की प्रवीणता सूची में टॉप-25 स्थान प्राप्त करने वाले 467 मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किया जायेगा। जिसमें हाईस्कूल के 337 जबकि इंटरमीडिएट के 130 छात्र-छात्राएं शामिल होंगी।
डा. रावत ने बताया कि विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के विभिन्न पदों पर पदोन्नति को लेकर बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि लम्बे समय से एल.टी. से प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति नहीं हो पाई, जबकि विभाग पदोन्नति के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरना चाहता है। लेकिन शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले शिक्षकों के मध्य आपसी सहमति न बनने से पदोन्नति की प्रक्रिया में अड़चन आ रही है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि उनेक द्वारा पूर्व में ही सभी शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले शिक्षकों की बैठक कर आपसी सहमति से पूरे प्रकरण का शीघ्र निस्तारण करने को कहा जा चुका है, ताकि शिक्षकों, प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के रिक्त पदो पदोन्नति से भरा जा सके। डा. रावत ने बताया कि बैठक में विभाग से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें विद्या समीक्षा केन्द्र एवं कलस्टर स्कूल योजना भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने परिषदीय परीक्षा एवं अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को भविष्य के लिये ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये ताकि बोर्ड परीक्षाओं में छात्र-छात्राएं और बेहतर प्रदर्शन कर सके।