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गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचेगी ट्रेन, जाजल-टू-मरोड़, बनेगी देश की सबसे लंबी रेल सुरंग, इतनी होगी लंबाई

देहरादून: पहाड़ पर रेल का सपना साकार होने जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। परियोजना की दो टनलें आर-पार हो चुकी हैं। अन्य टनलों पर भी तेजी से काम आगे बढ़ रहा है। पहाड़ पर रेल का सपना कई सालों से देखा जा रहा है। लेकिन, अब ये सपना जल्द साकार होने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने के लिए देश की सबसे लंबी रेल सुरंग बनाई जाएगी। इसके लिए फाइनल डीपीआर भी तैयार कर ली गई है। यह रेल सुरंग जाजल और मरोड़ के बीच बनेगी, जिसकी लंबाई 17 किलोमीटर होगी। फिलहाल देश की सबसे लंबी रेल सुरंग जम्मू-कश्मीर के उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना में की है, जिसकी लंबाई 12.758 किलोमीटर है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेल विकास निगम लिमिटेड ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने की योजना बनाई है। इसके लिए कई बार के सर्वेक्षण और तकनीक चर्चा के बाद 121.76 किमी लंबी रेलवे के सिंगल ट्रेक के लिए 30 हजार करोड़ की फाइनल DPR रेलवे बोर्ड दिल्ली भेज दी गई है। इसमें से 70 प्रतिशत ट्रैक सुरंगों के अंदर होगा।

121.76 किमी के सफर में रेल डोईवाला से 22 पुलों और 22 सुरंगों से गुजरेगी। इस दौरान 10 स्टेशन भी होंगे, जिसमें दो लूप लाइन स्टेशन मातली और बड़कोट में बनेंगे। इस रेल लाइन में देश की सबसे लंबी रेल सुरंग के निर्माण की योजना बनाई गई है। यह टिहरी जनपद के जाजल और मरोड़ के बीच होगी।

DPR को टर्की की कंपनी यूकेसेल प्रोज से करीब 25 करोड़ रुपए में तैयार करवाया गया है। जिसमें यमुनोत्री का आखिरी स्टेशन नंदगांव बड़कोट मे बनेगा। जबकि रेलवे लाइन के लिए 320 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें 101 वन और 20 हेक्टेयर राजस्व और शेष भूमि निजी अधिग्रहित की जाएगी। सामान्य रेलवे स्टेशनों के लिए करीब 1 किमी लंबी और 100 मीटर चौड़ी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी।

रेल विकास निगम लिमिटेड से जुड़े अफसरों ने बताया कि सुरंग निर्माण के लिए ड्रिल एंड ब्लास्ट तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि स्थितियां और मुफीद मिली तो टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा।

चारधाम सड़क परियोजना में ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के अंतर्गत देवप्रयाग से जनासू तक 14 किमी लंबी सुरंग का निर्माणाधीन है। यह गंगोत्री-यमुनोत्री रेल लाइन में बनने वाली रेल सुरंग के बाद अब तक की दूसरी सबसे लंबी रेल सुरंग होगी।

गंगोत्री और यमुनोत्री को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए सर्वेक्षण व तकनीकी चर्चा के बाद फाइनल DPR रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। जिसमें देश की सबसे लंबी रेल सुरंग का निर्माण प्रस्तावित है। वित्तीय स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।

यह होंगे स्टेशन
डोईवाला, भानियावाला, रानी पोखरी, जाजल, मरोड़, कंडीसौड़, सरोट, चिन्यालीसौड़, डुंडा, मातली, नंदगांव बड़कोट में स्टेशन बनेंगे। गंगोत्री के लिए मातली अंतिम व यमुनोत्री के लिए नंदगांव बड़कोट अंतिम स्टेशन होगा। नंदगांव बड़कोट और मातली लूपलाइन स्टेशन होंगे। लूप लाइन स्टेशन पर इंजन बदले जाने की सुविधा रहती है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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