गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी को कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। पिछले करीब 50 सालों से नरेंद्र सिंह नेगी लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। अगस्त में नेगी दा 75 साल के हो जाएंगे। उनके जन्मदिन पर उनके 101 गीतों के संग्रह का भी विमोचन किया जाएगा।
नेगी के सम्मानों की फेहरिस्त में एक और सम्मान शामिल हो गया है। उनको लंदन में डिस्टिंग्विश लीडरशिप इन इंडियन फोक सिंगिंग (भारतीय लोकगायन में विशिष्ट नेतृत्व) अवॉर्ड से नवाजा गया है।
उनको यह सम्मान लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स (संसद) में रविवार को आयोजित ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड (GBA) कार्यक्रम के दौरान दिया गया। गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी 27 जुलाई को लंदन पहुंचे थे। इस दौरान ब्रिटिश संसद में उनका मशहूर गीत ठंडो-रे-ठंडो गूंजा, जिस पर वहां मौजूद प्रवासी भारतीय झूम उठे।
नेगी दा को 50 सालों से लोकगीत व संगीत के साथ ही अपनी संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए GBA की ओर से आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद लॉर्ड रैमी रेंजर और जैक रैंकिंग ने उन्हें अवॉर्ड देकर सम्मानित किया।
नेगी दा की फेसबुक से साभार
London के ऐतिहासिक House of Lords, British parliament में आयोजित Global Brilliance Award (GBA) में नरेन्द्र सिंह नेगी को उनके 50 सालों में लोक गीत संगीत और संस्कृति को प्रोहत्साहन और योगदान के लिए Distinguished Leadership in Indian Folk Singing से पुरस्कृत किया गया। British Parliament में गुंजा नेगी दा का “ठंडों रे ठंडों” London के ऐतिहासिक House of Lords, British parliament में आयोजित Global Brilliance Award (GBA) में भारतीय समुदाय के अतिविशिष्ठ लोगों को सम्मानित किया। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का आयोजन IISAF ने किया। अवार्ड विजेताओं का चयन एक ज्यूरी द्वारा किया गया था। सभी विजेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
उत्तराखंड से नरेन्द्र सिंह नेगी जी को उनके 50 सालों में लोक गीत संगीत और संस्कृति को प्रोहत्साहन और योगदान के लिए Distinguished Leadership in Indian Folk Singing से पुरस्कृत किया गया। इसी के साथ उन्होंने अपने सदाबहार गाना ठंडों रे ठंडों गा कर समस्त लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया।
GBA कार्यक्रम में सहयोगी Uttarakhand Global Forum के सह-संस्थापक श्री संदीप बिष्ट ने इस मौक़े पे प्रसन्ता व्यक्त की और कहा कि यह सम्मान सिर्फ़ नेगी जी ही नहीं बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड और 2 करोड़ से अधिक उत्तराखंडियों का सम्मान है। साथ ही आने वाले नये कलाकरों को प्रोत्साहित भी करेगा। नेगी जी ने हमेशा पहाड़ो की सामाजिक सुखों और दुखों को अपने गीतों से उठाया है और हम आशा करते हैं कि वो आगे भी ऐसे ही गीत लेखन और गायन को जारी रखेंगे।
IISAF के अध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह ने कहा प्रतिभाशाली भारतीय पेशेवरों के प्रयासों को वैश्विक मंच में मान्यता देने से भारत की प्रतिष्ठा को ऊपर उठाने में मदद करती है। नेगी जी जैसे लोक कलाकर जो पिछले 50 वर्षों से अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा को अपने गीतों के माध्यम से संरक्षित करते हुए तत्परता से आगे बढ़ा रहे हैं उनका यह सम्मान सारे समाज का सम्मान है।
कार्यकर्म में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद Lord Rami Ranger, Windsor के MP Jack Ranking, Mayor Prerna Bhardwaj और विभिन्न देशों के दूतावासों जैसे Malta, Italy आदि के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।