देहरादून : सरकार की जिस खनन नीति पर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े कर रही थी, उस खनन नीति पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। नैनीताल हाईकोर्ट सरकार ने जवाब मांगा है। वहीं, हाईकार्ट का फैसला आने के बाद सरकार ने तत्काल प्रभाव से उपखनिजों की निकासी पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। शासन ने डीजी, माइनिंग और सभी जिलाधिकारियों का पत्र जारी कर उपखनिजों की निकासी पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
नैनीताल निवासी सतेंद्र कुमार तोमर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने 28 अक्तूबर 2021 को नई खनन नीति जारी की थी। नई नीति में सरकार ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए समतलीकरण के नाम पर बिना टेंडर के खनन के पट्टे आवंटित कर दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की यह खनन नीति असंवैधानिक है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति लिए बिना सरकार ने यह निर्णय लिया है।
गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में खनन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने नई खनन नीति पर रोक लगाने के साथ ही राज्य सरकार, डायरेक्टर जनरल माइनिंग, डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर नैनीताल और एसडीएम सदर नैनीताल से 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार देर सायं सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने डीजी, माइनिंग और सभी जिलाधिकारियों का पत्र जारी कर उपखनिजों की निकासी पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।