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DPC चुनाव नहीं तो सड़कों पर उतरेंगे पंचायत प्रतिनिधि.
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भट्ट को पूर्व CM का समर्थन.
देहरादून : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही उत्तराखंड में भी जिला योजना समिति के चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पांडुचेरी में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। वहीं, उत्तराखंड में भी राज्य निर्वाचन आयोग ने दो बार उत्तराखंड शाशन को पत्र भेजकर जिला योजना समिति के चुनाव कराने की अनुमति मांगी है, लेकिन सरकार चुनाव कराने को तैयार नहीं है। इसको लेकर जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने आंदोलन का ऐलान किया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले 2 नवम्बर 2020 और फिर 17 फरवरी 2021 को पंचायतीराज सचिव को पत्र भेजकर जिला योजना समिति के चुनाव कराने के लिए शाशन की अनुमति मांगी है ।जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने कहा कि सरकार जानबूझकर चुनाव को टाल रही है। उन्होंने कहा कि यदि इस बार सरकार ने जिला योजना समिति के चुनाव नही कराये तो 4 मार्च के बाद पूरे प्रदेश के जिला पंचायत सदस्य एवं नगर निकाय के पार्षद और सभासद सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जायेंगे।
इस मामले में जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और पंचात प्रतिनिधियों को पूर्व सीएम हरीश रावत का भी साथ मिला है। हरीश रावत ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा है कि प्रदीप भट्ट एक अहम और गंभीर मुद्दे को उठा रहे हैं। सरकार पंचायत के मूल सिद्धांत और अधिकार का हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि वो इस लड़ाई में उनके साथ हैं। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
देखें पूर्व CM की पोस्ट- https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1787715661403000&id=271420283032553
उन्होंने कहा कि जिला योजना समिति में नगर निकायों एवं जिला पंचायतों से आनुपातिक हिसाब से सदस्य निर्वाचित होकर आते हैं और सभी जानते हैं कि राज्य में नगर निकाय चुनाव सम्पन्न हुए लगभग 2 वर्ष एवं जिला पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए लगभग 1 वर्ष से अधिक का समय गुजर गया है। अभी तक उत्तराखण्ड में जिला योजना समिति का गठन नही हो पाया है, जो जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनधियों एवं लोकतंत्र के लिए बहुत ही चिंता का विषय है।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिला योजना समिति के चुनाव की नामाँकन, नामांकन पत्रों की जाँच तथा नाम वापसी की प्रक्रिया मार्च 2020 में ही पूर्ण की जा चुकी है, जिसमे अल्मोड़ा एवं बागेश्वर जिले में जिला पंचायत व नगर निकायों के सभी सद्स्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। साथ ही उधमसिंहनगर, चम्पावत, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल एवं रुद्रप्रयाग में जिला पंचायत से जिला योजना समिति के लिए सभी सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। निर्विरोध निर्वाचित हुए सभी सदस्यों को जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निर्वाचन का प्रमाणपत्र भी दे दिया गया है।
भट्ट ने कहा कि 18 मार्च 2020 को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 24 मार्च 2020 को निर्धारित जिला योजना समिति के सामान्य निर्वाचन का मतदान एवं मतगणना की तिथि को अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया था।किन्तु अब जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से पूरे देश मे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उठाये गए कदम बहुत ही सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तेजी के साथ कोरोना महमामारी पर अंकुश लगाया है वो अभूतपूर्व है। आज समूचे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। भारत में बन रही मेड इन इंडिया वैक्सीन ने दुनियाभर को अपनी ओर आकर्षित किया है।
प्रदीप भट्ट ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कोरोना महामारी के दैरान ही बिहार जैसे बड़े राज्य में विधानसभा के चुनाव व उप चुनाव। कई राज्यों में राज्य सभा के चुनाव व उपचुनाव, विधान परिषद के चुनाव व उपचुनाव कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सम्पन्न कराये गए हैं। उत्तराखंड में भी राज्य सभा, उप- प्रधानों के चुनाव हुए हैं। हाल ही में सचिवालय संघ तक के चुनाव सम्पन्न हुए हैं।
वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग भी जिला योजना समिति के चुनाव कराने के पक्ष में है, जिस हेतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 2 नवम्बर 2020 को शाशन की सहमति हेतु सचिव पंचायतीराज को पत्र प्रेषित किया है, जिस पर सचिव पंचायतीराज ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किये गए अनुरोध के बाद राज्य सरकार की सहमति प्रदान किये जाने के प्रस्ताव पर पत्रावली मंत्री अरविंद पांडे जी के सम्मुख प्रस्तुत की।
पंचायतीराज मंत्री अरविंद पाण्डे ने उक्त प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी गयी थी। किन्तु मंत्री के अनुमोदन के बाद भी जिला योजना समिति के चुनाव कराने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग को शाशन की सहमति प्राप्त नही हुई। अब एक बार फिर से राज्य निर्वाचन आयोग ने 17 फरवरी 2021 को शाशन से पुनः डीपीसी चुनाव कराने की अनुमति मांगी है।
जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस बार सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को डीपीसी चुनाव कराने की संस्तुति नहीं दी तो 4 मार्च के बाद राज्य के जिला पंचायत सदस्य एवं नगर निकाय के पार्षद/ सभासद गण सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।