Thursday , 6 February 2025
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उत्तराखंड: जंगलों में धर्म के नाम पर कब्जा, मजारों पर चला बुलडोजर

देहरादून: राज्यभर में जंगलों में कई गजहों पर मजारें बनाकर अवैध कब्जे किए गए हैं। इनकी संख्या एक-दो नहीं बल्कि मजारें बड़ी संख्या में बनाई गई हैं। इसको लेकर सरकार भी लंबे समय से सर्वे कर रही थी और लोग भी लगातार जंगलों में धर्म के नाम पर हो रहे इन अवैध अतिक्रम को ध्वस्त करने की मांग करते आ रहे हैं। इसको देखते हुए ही वन विभाग ने लिस्ट तैयार कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

वन विभाग की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने स्पष्ट किया है कि यह शुरूआत है। जहां कहीं भी वन भूमि पर अतिक्रमण पाया जाएगा, धार्मिक स्थल हों या मकान-दुकान, सबका नामोनिशान मिटाया जाएगा। वन संरक्षण अधिनियम 1980 के बाद जितने भी ऐसे धार्मिक अतिक्रमण हुए हैं, सभी को हटाया जाएगा।

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उन्होंने कहा इसके लिए अधिकारियों को कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। दो दिन पहले देहरादून वन प्रभाग के तहत वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई 15 मजारों को ध्वस्त कर दिया गया था। पहले चरण में 15 मजारों को तोड़ा गया है, क्या ऐसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों या चर्च को भी तोड़ा जाएगा। इस पर वन मंत्री ने कहा, किसी भी अतिक्रमण को धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। स्पष्ट तौर पर सभी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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इसकी शुरूआत देहरादून वन प्रभाग से की गई है। आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जाएगा। विभाग को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं ऐसे मामलों में सख्ती से निपटा जाए। फिलहाल सभी डिविजनों से रिपोर्ट मंगाई गई। उसे सूची का वर्गीकरण होते ही तेज होगी कार्रवाई

प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के तमाम वन प्रभागों से ऐसे अतिक्रमणों का चिन्हीकरण कर कंपाइल सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद इसका वर्गीकरण किया जाएगा।

इस सूची कुछ ऐसे में धार्मिक स्थल हैं, जहां कोई न कोई रह रहा है, मतलब वह आबाद हैं। जबकि कुछ ऐसे भी अतिक्रमण हैं, जो किसी ने बनाकर छोड़ दिए हैं। कुछ ऐसे हैं जो 1980 में नोटिफिकेशन से पहले के हैं। इनका वर्गीकरण कर लिया गया है, उन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जो आगे भी जारी रहेगी।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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