Sunday , 1 June 2025
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उत्तराखंड: विभागों की अधूरी तैयारी, युवाओं पर भारी, CM धामी के निर्देश भी बेअसर

देहरादून: अधीनस्त चयन सेवा आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले के बाद परीक्षाएं संपन्न कराने की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग को दी गई है। आयोग तेजी से काम भी कर रहा है। लेकिन, विभागों की मानमानी और लापरवाही आयोग का सिरदर्द तो मिल ही गया है। लेकिन, युवाओं का इंतजार भी बढ़ा रही है। यह हाल तब है, जबकि CM धामी पहले ही अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं कि अधूरे अधियाचन पर एक्शन लिया जाएगा। बावजूद, अधिकारी मनमाने ढंग से बगैर किसी तैयारी के अधियाचन भेज रहे हैं।

12 अधियाचन लौटाए
समूह-ग की भर्तियों का अभियान चला रहे उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 12 भर्तियों के अधियाचन लौटा दिए हैं। इनमें आरक्षण रोस्टर से लेकर सेवा नियमावली तक की गड़बड़ियां शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही सभी विभागों को निर्देश दिए थे कि वह भर्तियों के आधे-अधूरे अधियाचन आयोग को न भेजें।

इन भर्तियों के विज्ञापन जारी
राज्य लोक सेवा आयोग अभी तक पुलिस कांस्टेबल भर्ती, पटवारी-लेखपाल भर्ती, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती और सहायक लेखाकार भर्ती के विज्ञापन जारी कर चुका है। 28 अक्तूबर को आयोग को सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षक के कुल 891 पदों के लिए भर्ती का विज्ञापन जारी करना था, लेकिन इनमें से केवल सहायक लेखाकार के 661 पदों का विज्ञापन ही जारी किया गया। लेखा परीक्षक का विज्ञापन इसलिए जारी नहीं हो पाया, क्योंकि इसके अधियाचन में खामियां होने की वजह से आयोग ने इसे लौटा दिया था। अब सही अधियाचन आने के बाद आयोग इसकी अलग से भर्ती निकालेगा।

इन विभागों के अधियाचन लौटाए
राज्य लोक सेवा आयोग ने 16 भर्तियों का कैलेंडर जारी किया हुआ है। इसमें तमाम भर्तियां ऐसी हैं जो विभिन्न विभागों के एक जैसे पदों के लिए हैं। इन विभागों को दूर करना होगा। कनिष्ठ सहायक भर्ती का विज्ञापन इसी महीने के अंतिम सप्ताह में जारी होना है। इसके अलावा विभिन्न विभागों में पर्यावरण पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला सहायक, मानचित्रकार, प्रारूपकार, अन्वेषक कम संगणक, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक, राजकीय दुग्ध पर्यवेक्षक, बागान पर्यवेक्षक जैसे कई अधियाचन किसी न किसी वजह से अधूरे हैं। आयोग ने कुल मिलाकर ऐसे 12 प्रस्तावों को विभागों को लौटाया है।

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ये हैं कमियां
राज्य लोक सेवा आयोग के पास भर्तियों के जो प्रस्ताव पहुंचे हैं, उनमें से ज्यादातर में आरक्षण की स्थित स्पष्ट नहीं है। कई ऐसे हैं, जिनमें रिक्त पदों का आंकड़ा ही सही नहीं है। कुछेक ऐसे हैं, जिनकी सेवा नियमावली ही पद के हिसाब से अलग है।

आयोग से सीधे ट्रांसफर हुईं भर्तियां
राज्य सरकार ने जब कैबिनेट की बैठक में समूह-ग की भर्तियां उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से राज्य लोक सेवा आयोग को ट्रांसफर करने का निर्णय लिया तो इसके बाद सभी अधियाचन सीधे राज्य लोक सेवा आयोग को भेज दिए गए। इनमें से तमाम अधियाचन ऐसे थे, जिनका अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अध्ययन ही नहीं कर पाया था। लिहाजा, इनकी खामियां भी दूर न हो पाई थीं। अब राज्य लोक सेवा आयोग को इनका अध्ययन करना पड़ रहा है।

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सेवा नियमावली सबसे बड़ा सिरदर्द
आज भी कई विभागों की सेवा नियमावली आयोगों के लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुई हैं। हालात यह हैं कि विभागों ने समय पर इन नियमावलियों को अपडेट नहीं किया। किस पद के लिए जो अर्हता अब से 15 साल पहले थी, आज उससे जुड़े तमाम नए पाठ्यक्रम आने के बावजूद विभाग उसी पर चल रहे हैं। हाल ही में पीसीएस परीक्षा में ऐसा मामला सामने आया, जब उम्मीदवारों से डिप्लोमा मांगा गया था लेकिन यहां उस विषय में पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवार रिजेक्ट हो गए थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन सभी उम्मीदवारों को पद के लिए अर्ह घोषित किया गया था। उम्मीदवार लगातार यह मांग भी कर रहे हैं कि विभाग नए पाठ्यक्रमों के हिसाब से अपनी सेवा नियमावली को अपडेट करें।

यह भी होती है गड़बड़ी
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के समय में यह भी बड़ी समस्या रही है। अधियाचन के हिसाब से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जितने पदों के लिए भर्ती निकालकर परीक्षा कराई, चयन के समय उन पदों की संख्या घट गई। ऊर्जा, सिंचाई सहित कई विभागों की समूह-ग भर्तियों में ऐसा हो चुका है। लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग इन सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच पड़ताल कर रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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