देहरादून: लॉकडाउन के एक महीने से अधिक समय तक रोजी-रोटी गंवा कर देश भर में विभिन्न जगहों पर मजदूर फंसे रहे.हजारों की तादाद में मजदूर हैरान-परेशान रहे और अपने गंतव्यों की तरफ पैदल ही निकल पड़े. सैकड़ों किलोमीटर भूखे-प्यासे चलने के कारण मजदूरों के जान गंवाने की खबरें रोज आ रही हैं. अब एक महीने के बाद जब उन्हें अपने गंतव्यों तक पहुंचाने का केंद्र सरकार ने फैसला लिया है तो उन सबसे ट्रेनों का बढ़ा हुआ किराया वसूल किया जा रहा है, जो बेहद खेदजनक है. अपना रोजगार गंवा चुके और खाने को मोहताज मजदूरों से आम दिनों से अधिक ट्रेनों का किराया वसूला जा रहा है. यह इन बदहाल मजदूरों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. इसके खिलाफ वामपंथी और जनवादी पार्टियां और संगठन धरना देंगे।
विधायक पर मेहरबानी
बदहाल मजदूर तो घर नहीं जा सकते, लेकिन लॉकडाउन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के करीबी अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने उत्तर प्रदेश के हत्यारोपी विधायक को उत्तराखंड में घूमने का पास जारी कर दिया. राशन, टिकट के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने के बजाय शराब की दुकानंे खोलने के निर्णय ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की प्राथमिकता में कौन हैं.
घरों में दिया जाएगा धरना
उत्तराखंड की वामपंथी, जनवादी पार्टियां और संगठन इस विपदा काल में मेहनतकश तबके के प्रति केंद्र सरकार के इस उपेक्षापूर्ण रवैये का विरोध करते हुए, इसके खिलाफ कल 5 मई को धरना देंगे. धरना लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए घरों में ही दिया जाएगा. धरने के जरिये केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों से निशुल्क उनके गंतव्यों तक पहुंचाया जाये.
दस हजार रुपया लॉकडाउन भत्ता
काॅमरेड इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते रोजगार गंवा चुके मजदूरों को दस हजार रुपया लॉकडाउन भत्ता दिया जाए. चाहे उनके पास राशन कार्ड है या नहीं. सभी को तीन माह का राशन निशुल्क दिया जाए. पी.एम. केयर्स फंड से इस सब के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाये. पी.एम. केयर्स फंड का घोषित उद्देश्य ही कोरोना के चलते उपजने वाले हालात से निपटने के लिए धनराशि एकत्र करना बताया गया था. इसलिए पीएम. केयर्स फंड में एकत्र हजारों करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए किया जाना चाहिए.
ये संगठन देंगे धरना
इस सामूहिक धरने की घोषणा करते हुए भाकपा के राज्य सचिव समर भण्डारी, माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, भाकपा (माले) के राज्य सचिव राजा बहुगुणा, उत्तराखंड लोक वाहिनी के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव लोचन साह, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसीतिवारी, उत्तराखंड महिला मंच की केंद्रीय संयोजक कमला पंत, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के अध्यक्ष पीपी आर्य,अंबेडकर मिशन के बीआर टम्टा, उत्तराखंड पीपल्स फोरम के जयकृत कंडवाल, भार्गव चंदोला ने कहा कि इस सामूहिक धरने के जरिये प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा. परिवर्तनकामी छात्र संगठन, आइसा, एसएफआई भी धरने में शामिल होंगे.