देहरादून: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। कोरोना से जंग में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और दूसरे जरूरी सेवाओं के कर्मचारी दिन-रात एक कर डटे हुए हैं। कोरोना से लड़ाई में सबसे बड़ा मैदान देहरादून है। राजधानी देहरादून में कोरोना के सभी पाॅजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। पुलिस को यहां हर मोर्चे पर डटा रहना पड़ रहा है।
इन सबके बीच देहरादून शहर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चैबे। अपनी ड्यूटी निभाने के लिए परिवार से खुद को दूर कर लिया है। लाॅकडाउन के दौरान वो इन दिनों मूदरों के खाने की व्यवस्था में जुटी हैं। उनको ख्याल रख रही हैं, लेकिन खुद नवरात्र का व्रत रखकर भूखे पेट सुबह से रात तक मोर्चा संभालकर डटी हुई हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारी हॉस्पिटल में तो पुलिस सड़कों पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। पुलिस तो डबल भूमिका निभा रही है। एक तरफ जहां कार्रवाई कर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवा रही है, वहीं लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के साथ बेसहारा लोगों को भोजन भी उपलब्ध करा रही है। एसपी सिटी श्वेता चैबे इस लड़ाई में फ्रंट पर खड़ी नजर आ रही हैं। सुबह घर से निकल जाती हैं और देर रात तक घर पहुंच पाती हैं। उनकी एक बेटी और एक बेटा हैं। उनके आईपीएस पति मणिकांत मिश्रा सीअीसीआईडी में तैनात हैं।
श्वेता चैबे ने खुद को अलग एक कमरे में क्वारंटीन कर रखा हैं। परिवार से दूर से ही बात हो पा रही हैं। एसपी स्वीटी कहती हैं कि संकट की इस घड़ी में पुलिस का हर जवान अपने परिवार से दूर रहकर अपनी ड्यूटी कर रहा है। ड्यूटी का कोई टाइम नहीं हैं। वो सुबह से रात तक की इस भागदौड़ के बीच वीडियो कॉल के जरिए बच्चों से बात कर लेती हैं। उनको बस इस बात की चिंता है कि कोई कोरोना से संक्रमित ना हो। कोई मजदूर भूखा ना सोये।