Friday , 7 February 2025
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उत्तराखंड: फूलदेई संरक्षण मुहिम के लिए मैठाणी को मिला लोक गौरव सम्मान

  • “लोक संस्कृति महोत्सव-2025” में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और समाजसेवियों का हुआ सम्मान।

देहरादून : उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति और समाजसेवा के प्रति समर्पित व्यक्तियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से “लोक संस्कृति महोत्सव-2025” का भव्य आयोजन किया गया। इस महोत्सव का आयोजन अभ्युदय वात्सल्यम् संस्था द्वारा किया गया, जिसमें उत्तराखंड की पारंपरिक विरासत को जीवंत करने के साथ-साथ समाज के लिए अनुकरणीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।

दीप प्रज्वलन और स्मारिका विमोचन से हुआ शुभारंभ

महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड की उपलब्धियों और लोकसंस्कृति को दर्शाती स्मारिका “देवभूमि उत्तराखंड” का विमोचन भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना हम सभी का कर्तव्य है, और इस तरह के आयोजन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

लोकसंस्कृति संरक्षण व समाजसेवा के लिए सम्मानित हुए विशिष्ट जन

महोत्सव के दौरान समाज और लोकसंस्कृति के संरक्षण में योगदान देने वाले व्यक्तियों को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। उत्तराखंड के पारंपरिक बाल पर्व “फूलदेई” के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए चलाए गए अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शशिभूषण मैठाणी “पारस” को “लोक गौरव सम्मान 2025” से सम्मानित किया गया।

इसके अलावा, समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले स्वप्निल सिन्हा, शिवशंकर कुशवाहा, रमेश चंद द्विवेदी और विपिन जोशी को “विशेष अभ्युदय सम्मान 2025” प्रदान किया गया।

लोक कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

महोत्सव में गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी, गोरख्याली, भोजपुरी और अवधी लोक कलाकारों ने अपनी पारंपरिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और नशामुक्ति अभियान पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

कार्यक्रम में “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” और “करो योग, रहो निरोग” जैसे संदेशों को उजागर करने के लिए संविधान के मौलिक अधिकारों पर आधारित एक प्रभावशाली नाटिका भी प्रस्तुत की गई। इस नाटिका में श्रीशांगी, कुणाल, शिवांश, अभिषेक, समीक्षा, मोहित, आस्था, अर्जुन, दिव्यांशु और सागर ने अपने सशक्त अभिनय से समाज को जागरूक करने का प्रयास किया।

दूसरे सत्र में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में देहरादून कैंट की विधायक सविता कपूर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने समाजसेवा और लोकसंस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे समाजसेवियों, कलाकारों और छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया और उनके प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध कवि श्रीकांत श्री ने किया, जिनकी ओजस्वी वाणी ने पूरे आयोजन में उत्साह का संचार किया।

अभ्युदय वात्सल्यम् संस्था का समाजसेवा में सतत प्रयास

संस्था की अध्यक्ष एवं निदेशक डॉ. (श्रीमती) गार्गी मिश्रा ने बताया कि अभ्युदय वात्सल्यम् संस्था महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों के लिए सतत कार्यरत है। संस्था पूरे वर्ष विभिन्न जागरूकता अभियानों, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और नशामुक्ति को लेकर कार्य करती है।

महोत्सव में प्रतिष्ठित व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे, जिनमें शशिकांत दुबे, शशिकांत कुशवाहा, गायक गिरीश सनवाल, हरीश मेहरा एवं उनकी टीम, समाजसेवी स्वप्निल सिन्हा और शशिभूषण मैठाणी “पारस” प्रमुख रूप से शामिल थे।

उत्तराखंड की संस्कृति संरक्षण का महत्वपूर्ण मंच बना लोक संस्कृति महोत्सव

“लोक संस्कृति महोत्सव-2025” उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को संरक्षित करने और समाजसेवा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। इस आयोजन ने प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और समाजसेवा में योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक नया आयाम जोड़ा।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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