Sunday , 27 July 2025
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उत्तराखंड : स्कूलों में बदले-बदले नजर आएंगे आकलन और मूल्यांकन के तौर-तरीके

देहरादून : नई शिक्षा नीति को लेकर अब शिक्षा विभाग भी नई नीति को लागू करने की तैयारियों में जुट गया है। इसको लेकर कार्याशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। विद्यालयों में बदले-बदले नज़र आएंगे आकलन और मूल्यांकन के तौर-तरीके राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा को लेकर बहुत से बदलाव की अनुशंसा करती है।

नई नीति के तहत शिक्षण अधिगम से लेकर आकलन/मूल्यांकन तक के बहुत से तौरकृतरीके बदले-बदले नज़र आयेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) के द्वारा श्राज्य स्तरीय आकलन एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन और प्रकोष्ठ की ओर से शिक्षक/शिक्षक प्रशिक्षकों के एक राज्य स्तरीय कोर ग्रुप का गठन किया जा चुका है।

आकलन और मूल्यांकन को लेकर लगातार सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है। प्रकोष्ठ के तत्वाधान में ही आज राज्य स्तरीय कोर ग्रुप सदस्यों के लिए एक दो दिवसीय आन लाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया, जो कल भी जारी रहेगी। वर्चुअल माध्यम से सम्पन्न हुई आज की कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए राज्य आकलन एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. हरेन्द्र अधिकारी द्वारा सभी प्रतिभागी शिक्षक व शिक्षक प्रशिक्षकों का स्वागत करते हुए इससे पूर्व 12 से 16 जनवरी, 2022 को देहरादून और 8 फरवरी, 2022 को ऑनलाइन कार्यशाला के दौरान प्रतिभागी शिक्षकों की ओर से किए गये कार्यों की प्रगति भी साझा की गयी और आज की कार्यशाला की विषयवस्तु की ओर भी प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया गया।

उल्लेखनीय है कि आंकलन और मूल्यांकन को लेकर प्रतिभागी शिक्षक सक्रियता के साथ कार्य कर रहे हैं। कार्यशाला के आरम्भिक सत्र में राज्य स्तर पर आकलन एवं मूल्यांकन को लेकर विषयवार गठित उप समूहों द्वारा द्वारा भी अपनेकृअपने कार्यों की प्रगति साझा की गयी। कार्यशाला का अगला सत्र प्रोडक्टिव एवं प्रोगेसिव मूल्यांकन पर केन्द्रित रहा। जिसमें डॉ. मदनमोहन पाण्डेय मुख्य संदर्भदाता के रूप में उपस्थित थे। डॉ. पांडेय ने विचार व्यक्त करते हुए समूह सदस्यों के मध्य विषय को लेकर एक समझ विकसित करने का प्रयास किया गया।

तृतीय सत्र में पंतजलि विश्वविद्यालय के प्रो. पारन गौड़ा मुख्य संदर्भदाता के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने आकलन, मापन और मूल्यांकन पर व्याख्यान देते हुए आकलन, मापन एवं मूल्यांकन की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए मूल्यांकन के सिद्वांत, उदृदेश्य, प्रयोजन व प्रकार पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। प्रतिभागी शिक्षकों द्वारा इस दौरान अपनी शंका समाधान हेतु प्रश्न भी पूछे गये।

कार्यशाला के अंत में एससीईआरटी की संयुक्त निदेशक श्रीमती आशारानी पैन्यूली ने प्रो. गौड़ा व डॉ. मदन मोहन पाण्डेय जी का आभार व्यक्त करते हुए प्रतिभागी शिक्षक/शिक्षक प्रशिक्षकों के द्यैर्य, लगन व मेहनत की भी प्रशंसा की। साथ ही इस ओर भी सबका ध्यानाकर्षित किया कि उत्तराखण्ड विविधताओं से भरा प्रदेश है। यह कार्य चूंकि पूरे प्रदेश स्तर पर और प्रदेश के ​बच्चों के लिए किया जा रहा है।

इसलिए यह भी आवश्यक हो जाता है कि हमें राज्य की भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विविधता व विशिष्टताओं को ध्यान में रखना भी जरुरी हो जाता है। आकलन एवं मूल्यांकन हेतु तैयार हमारे टूल्स एवं दस्तावेज ऐसे हों जो सीमांत उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के दूरस्थ ग्राम्य अंचल में सेवारत शिक्षकों और देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर आदि शहरों क्षेत्र के शिक्षकों के लिए समान रूप से सरलकृसहजकृसुगम एवं उपयोगी हों।

कार्यशाला में प्रदेशभर के विभिन्न विद्यालयों एवं डायट से दिनेश सिंह रावत, अनुपम प्रसाद, शशि जोशी, हरीश नौटियाल, विनीत भट्ट, नीलम बिष्ट, सुनील कुमार, आदित्य भाटिया, विजय द्विवेदी, वीरेन्द्र सिंह, आशा बुड़ाकोटी, अशोक बनकोटी, अकील सिद्दखी, डॉ. नंदन बिष्ट, डॉ. राखी बिष्ट, जगदम्बा कंडारी, कमल जोशी, बीरेन्द्र सेथवाल, सी.के.उपाध्याय, दन सिंह, कपिल कुमार, किरन लखेड़ा, कुसुम चौहान, कुसुमलता वर्मा, लक्ष्मी नैथानी, नीरत तिवारी, नीतू अधिकारी,शांति नौटियाल, शिवानी शर्मा, उपेन्द्र कुमार भट्ट, विजय बलोदी, विमल ममगाई, प्रमोद कुमार, रीना डोभाल, ऋतु कुकरेती, संगीता शाह, संजीव डोभाल, सत्यपाल सिंह आदि शिक्षक/शिक्षक प्रशिक्षक मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. हरेन्द्र अधिकारी द्वारा किया गया।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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