देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमएस डॉ. केके टम्टा की तबीयत ख़राब होने पर आज अस्पताल के वीआईपी वार्ड में भर्ती कराया गया है। डॉ. टम्टा की तबीयत शनिवार रात अचानक खराब हो गई थी। डाक्टरों के मुताबिक डा. टम्टा ने शनिवार को कोरोना टीकाकरण के दौरान वैक्सीन भी लगवाई थी। रात में उनको बुखार आया।
एमएस डॉ. केके टम्टा की सभी रिपोर्ट सामान्य
वहीं डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री ने बताया कि डाक्टरों की टीम उनकी देखरेख में लगी है। उनकी एमआरआई, अल्ट्रासाउंड समेत खून की जांचें कराई गई हैं। सभी रिपोर्ट सामान्य हैं। शरीर में नमक की मात्रा कम होने से उनकी तबीयत खराब हुई। उन्हें आफ्टर इफेक्ट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन नहीं हैं।
कई हेल्थ वर्करों को हल्का बुखार और दर्द
वहीं कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद कई हेल्थ वर्करों को हल्का बुखार और दर्द हुआ। उनमें से कई ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी है। हालांकि पेरासिटामोल की गोली खाने के बाद उनकी तबीयत ठीक हो गई।
स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई गई वैक्सीन
बता दें कि, शनिवार को प्रदेश के 34 बूथों पर कोरोना टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया गया। पहले दिन 72 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। वहीं उत्तराखंड में कोरोना वायरस पर वार करने के लिए सरकार सोमवार से दोबारा टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। प्रदेशभर में पहले से तय 34 बूथों पर टीकाकरण किया जाएगा। पहले दिन टीकाकरण अभियान की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया।
28 प्रतिशत लोग नहीं आए टीका लगाने
राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान में तैनात निदेशक स्वास्थ्य डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि सोमवार से राज्य में टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि शनिवार को टीकाकरण के पहले दिन 28 प्रतिशत लोग टीका लगाने नहीं आए। उन्होंने कहा कि विभाग के स्तर पर इसका विश्लेषण किया गया है और अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार कर्मचारियों के न आने की प्रमुख वजह बीमारी, अनुपस्थिति और डर भी रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारी ऐसे थे जो विभिन्न कारणों से अनुपस्थित चल रहे हैं। कुछ लोगों ने बीमारी की वजह से टीका नहीं लगाया जबकि कई लोग डर की वजह से भी टीका लगाने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार का टीकाकरण सफल रहा है इसलिए सोमवार को ज्यादा संख्या में लोग टीका लगाने पहुंचेंगे।
हेल्प लाइन नम्बर जारी
स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना टीकाकरण के बाद यदि कोई परेशानी होती है तो वे हेल्प लाइन नम्बर 104 पर फोन कर विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्प लाइन में विशेषज्ञों की तैनाती की गई है। डॉ. नैथानी ने बताया कि टीके का दुष्प्रभाव किसी व्यक्ति पर अधिकतम तीस मिनट के भीतर हो सकता है। इसलिए कोरोना टीकाकरण के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को 30 मिनट तक टीकाकरण केंद्र पर ही रोका गया था। उन्होंने बताया कि टीके के आधे घंटे बाद यदि किसी को परेशानी होती है तो उसके अन्य कारण हो सकते हैं।