Tuesday , 17 June 2025
Breaking News

नीति आयोग, उत्तराखंड के विकास में पार्टनर : डॉ. राजीव कुमार

देहरादून : नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा है कि नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। नीति आयोग, उत्तराखण्ड के विकास में अधिक से अधिक मददगार बनने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीएसटी कम्पनसेशन को वर्ष 2022 के बाद भी जारी रखने में सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पापुलेशन भी शामिल किया जाए। सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकारों और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक में उत्तराखण्ड के सुनियोजित विकास पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।

नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में भागीदार

नीत आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में भागीदार की भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार की विकास से संबंधित हर सम्भव सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर राज्य सरकार के पक्ष पर नीति आयोग केंद्र सरकार के मंत्रालयों से बात करेगा। राज्य सरकार के संबंधित अधिकारी भी निरंतर फॉलोअप करें।जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को बढावा दिया जाएडॉ. राजीव कुमार ने कहा कि राज्य के विकास के लिए सेक्टरवार प्लान व समग्र प्लान बनाया जाए।

सतत विकास लक्ष्य

उत्तराखण्ड में जिलावार एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) निर्धारित करने को अच्छा कदम बताते हुए कहा कि जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण संकेतकों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इनकी लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है। जमीनी स्तर पर प्रक्रियागत सरलीकरणनीति आयोग उपाध्यक्ष ने जमीनी स्तर पर प्रक्रियागत सरलीकरण की आवश्यकता बताई। निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों में जो मंजूरियां लेनी होती हैं, उनका सरलीकरण करने के साथ ही जहां तक सम्भव हो कम किया जाए।नेचुरल फार्मिंग पर फोकस किया जाएआर्गेनिक फार्मिंग के साथ ही नेचुरल फार्मिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इससे किसानों की आय को दोगुनी करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक में एक गांव के प्राकृतिक कृषि के लिए समर्पित करने का सुझाव दिया।

स्कूली शिक्षा की बेहतर स्थिति है

डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्कूली शिक्षा की बेहतर स्थिति है। परंतु उच्च शिक्षा के लिए बेहतर शिक्षण संस्थाएं कम हैं। छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा राज्य में ही प्राप्त हो सके। इस ओर भी ध्यान दिया जाए। नदियों के पुनर्जीवन पर भी काफी काम किया जा सकता है। इसमें नीति आयोग नमामि गंगे से राज्य को सहायता को दिलवाने के लिए प्रयास करेगा। पर्यटन में अधिक से अधिक स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जाए। किस तरह से अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को इससे जोड़ा जा सकता है, इसके लिए सुनियोजित योजना की जरूरत है। कृषि में हाई वेल्यु उपजों जैसे कि औषधीय खेती, मसाले, फूलों की खेती पर बल देना होगा। डा राजीव कुमार ने इनलैंड कन्टेनर डिपो की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेने का सुझाव दिया।

केन्द्र से बात करेगा नीति आयोग

डॉ. राजीव कुमार ने बैठक में दिये गये राज्य के प्रस्तुतीकरण को ध्यान से सुनते हुए कहा कि फोरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल किये जाने की जरूरत है। इस संबंध में राज्य सरकार के जो भी सुझाव हैं, नीति आयोग को भेजे। इस संबंध में केन्द्र से बात की जाऐगी। उन्होंने नेशनल पार्को में हाथियों और टाईगर की संख्या में बढोतरी को देखते हुए इनकी केरिंग केपेसिटी का आंकलन किए जाने पर सहमति व्यक्त की।

सतत विकास रासरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार और उनकी टीम का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि आगामी 9 नवम्बर को उत्तराखण्ड 21 वर्ष का होने जा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने हमें लक्ष्य दिया है कि 2025 में जब उत्तराखण्ड 25 वर्ष का होगा तो आदर्श विकसित राज्य हो। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर उत्तराखण्ड के तेजी से विकास के लिए काम कर रही हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास और अंत्योदय हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब तक समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सरकार और प्रशासन पहुंच नहीं जाते हैं, उन तक विकास का लाभ नहीं पहुचंता है, हम चैन से नहीं बैठेंगे। लोगों को विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आसानी से मिले, इसके लिए सरलीकरण पर फोकस किया गया है। उद्योगों में सिंगल विंडो सहित तमाम प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। इन्वेस्टर्स फ्रेंडली माहौल तैयार किया गया है। उद्यमियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के स्टॉक होल्डर्स से संवाद शुरू किया गया है।

बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य में सड़क, रेल और एयर कनेक्टीवीटी पर काफी काम किया गया है। राज्य को केंद्र से पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को जीएसटी कम्पनसेशन वर्ष 2022 में समाप्त हो रहा है। इससे राज्य के लिए वित्तीय समस्या खड़ी हो जाएगी। राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए इसे उत्तराखण्ड के लिए आगे भी जारी रखे जाने की जरूरत है। चीन व नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के कारण उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति है। यहां बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान में और अधिक धनराशि दिए जाने की आवश्यकता है।

प्रस्तुतीकरण दिया

मुख्यमंत्री ने राज्य के कुमायूं क्षेत्र में एक और एम्स की स्थापना किए जाने के साथ ही लखवाड़ व्यासी परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, सौंग बांध सहित राज्य सरकार के विभिन्न प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी दिलाए जाने में सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पॉपुलेशन को भी शामिल किया जाना चाहिए। बैठक में राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग के समक्ष राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
error: Content is protected !!