देहरादून: CM पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री से जुड़े पत्रों का जवाब देने और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी देने के लिए बनाए गए ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ किया। इससे पहले सीएम धामी के लिए आने वाले पत्रों संबंधित विभाग को भेज दिया जाता था। लेकिन, मुख्यमंत्री से संबंधित समस्याओं वोल पत्रों को सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ इंटीग्रेट किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंपावत निवासी मुकेश राम की समस्या का संज्ञान लेते हुए, उनसे फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी चम्पावत को उनकी समस्या भेजी जा चुकी है, जिसका उचित समाधान किया जायेगा।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जन समस्याओं एवं शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905, अपणि सरकार पोर्टल एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड एप 1064 की प्रत्येक 15 दिन में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, एक माह में मुख्य सचिव एवं तीन माह में मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा की जायेगी। सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण पर सरकार का विशेष ध्यान है।
उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए विभागों द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है, इसकी जल्द समीक्षा की जायेगा। उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए विभागों द्वारा आगामी 10 वर्षों के लिए विभाग क्या रोडमैप बना रहे हैं, इसकी भी जल्द समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शासन एवं जिला स्तर पर ई-ऑफिस प्रणाली को और मजबूत किया जाए। फाइलों के निर्धारित समयावधि पर निस्तारित न होने कारण अधिकारियों को स्पष्ट करना होगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त सन्दर्भ/पत्र अब एक क्लिक के माध्यम से संबंधित विभागीय सचिव, विभागीय अधिकारी को प्राप्त हो जायेगा। इसका शिकायतकर्ता को भी उनके द्वारा दर्ज मोबाईल नम्बर पर मैसेज पहुंचेगा। शिकायतकर्ता को मैसेज के साथ एक लिंक मिलेगा, जिस पर वे अपनी शिकायत पर हुई कार्यवाही की प्रत्येक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। शिकायत जिस विभाग के जिस अधिकारी से संबधित होगी, उन्हें निश्चित समयावधि के अन्दर उसका निस्तारण करना होगा।
यदि संबंधित अधिकारी द्वारा समय पर निस्तारण नहीं किया गया तो, शिकायत उससे उच्च स्तरीय अधिकारी को स्वतः ही अग्रेनीत हो जायेगी। समय पर निस्तारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री सन्दर्भों/पत्रों को सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ इंटीग्रेट करने से विभागों को भौतिक रूप से सन्दर्भ /पत्र भेजने में समय लगता था, उस समय की बचत होगी। आवेदक को भी अपनी शिकायत पर हुई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की ऑनलाईन जानकारी मिलेगी। इससे प्राप्त होने वाले संदर्भों का डाटा परीक्षण एवं समस्याओं का वर्गीकरण करते हुए समाधान हेतु नई नीति तैयार की जा सकेगी।