Wednesday , 18 June 2025
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पवनदीप राजन ने इंडियन आईडल में गाया उत्तराखंडी गाना, हर कोई हुआ मुरीद

देहरादून : उत्तराखंड के पवनदीप राजन इन दिनों सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे इंडियन आइडल में धूम मचा रहे हैं। उन्होंने पहले दिन से ही लगातार अब तक शानदार परफॉर्मेंस दी हैं। आज उन्होंने फिर से उत्तराखंडी गाना गाकर जजों को अपना मुरीद बना लिया। देवभूमि उत्तराखंड के होनहार युवा गायक पवनदीप राजन इन दिनों सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे इंडियन आइडल शो में अपनी गायिकी का हुनर बिखेर रहे हैं। वह अपनी सुरीली आवाज से शो के जज और दर्शकों का खूब प्यार बटोर रहे हैं। देश के सबसे बड़े सिंगिंग टैलेंट हंट शो इंडियन आइडल के ताजा एपिसोड में उन्होंने एक बार फिर उत्तराखंडी गाना गाकर सबको अपना मुरीद बना लिया। चंपावत जिले के रहने वाले पवनदीप राजन ने पहाड़ी गीत ‘धन्य-धन्य छ यो मेरी देवभूमि..’ गीत गाकर जजों और ऑडियंस को न सिर्फ अपनी आवाज की जादू से मंत्रमुग्ध कर दिया बल्कि उत्तराखंड वासियों को भी गर्व का अहसास कराया। छोटी सी उम्र में ही पवनदीप पहाड़ के युवाओं के लिए इंस्पिरेशन बन गए हैं।

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इतना ही नहीं अपने जमाने की प्रसिद्ध अभिनेत्री पद्मिनी और पूनम ढिल्लों उनके गानों पर उस झूमती नजर आई। हर किसी ने उनकी जमकर तारीफ की। पिछले सप्ताह वीर पवनदीप राजन के लिए सोशल मीडिया पर देश और दुनिया से बड़े-बड़े कलाकार मैसेज कर रहे हैं और उनकी फैन नजर आ रहे हैं। उनके गानों पर शो के जज बिना झूमे नहीं रहे सके और सभी की जुबां पर बस एक ही शब्द था ‘वाह!’ । पवनदीप ने इंडियन आइडल के हर एपिसोड में अलग-अलग वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया है। देश और दुनिया स बड़े-बड़े कलाकार और हस्तियां पवनदीप के पक्ष में लगातार वोट करने की अपील करते आये हैं।

प्रसिद्ध लोक गायक पवनदीप राजन का जन्म वर्ष 1996 में चम्पावत जिले के वल्चौड़ा गांव गुमदेश पट्टी में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा जिले में ही हुई। बचपन से ही उनकी रूचि संगीत में थी। पवनदीप राजन प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक सुरेश राजन के बेटे हैं। वे चंडीगढ़ के रॉक बैंड समूह से जुड़े है। पवनदीप अपनी जादुई आवाज व सुरों से बॉलीवुड के प्रसिद्ध सिंगर्स को लुभा चुके है। वह कुमाऊंनी, गढ़वाली, पंजाबी एलबम आदि में भी प्लेबैक सिंगिंग भी करते हैं। पवन ने चम्पावत के अपने घर में ही स्टूडियो खोला है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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