DEHRADUN: श्रम कानूनों को समाप्त करने, 8 घंटा काम को बढ़ाकर 12 घंटा कर मजदूरों को गुलाम बनाए जाने के खिलाफ ऐक्टू के दो दिवसीय देशव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर आज उत्तराखंड में विभिन्न जगहों पर विरोध जताते ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने काले फीते बांधे, उत्तराखंड राज्य सरकार के 12 घंटे के कार्यदिवस के आदेश की प्रति का दाह दहन किया।
एक्टू प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि केंद्र सरकार के 12 घण्टे के कार्य दिवस के निर्देश के अनुपालन में विभिन्न राज्य सरकारें कॅरोना की आड़ में श्रम कानूनों में बदलाव करती जा रही हैं। यू पी की योगी सरकार द्वारा 1000 दिन तक श्रम कानूनों का स्थगन के बाद मध्यप्रदेश व गुजरात की सरकार इस रास्ते पर बढ़ गयी हैं।ये कदम सीधे सीधे मजदूरों को संविधान प्रदत समानता व न्याय के मौलिक अधिकार से वंचित कर देता है।इस मजदूर विरोधी एक्शन के लिये मोदी सरकार का आर्डर जिम्मेदार है। जहां समूचे भारत मे मजदूरों की दुर्दशा के प्रति आम अवाम में गुस्सा पैदा हो गया है वहीँ खुद को प्रधान सेवक कहने वाले मोदी जी दो शब्द कहने के लिये तैयार नही हैं। बल्कि मोदी जी ने मुख्यमंत्रीयो की बैठक में कांग्रेस की राजस्थान सरकार की 12 घण्टे कार्यदिवस के आर्डर को लाने में दिखाई जल्दबाजी की तारीफ तक की।
स्पस्ट है कि मोदी सरकार के निर्देशन में ही समूचे देश मे मजदूरों को बर्बाद कर दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
कामरेड चंदोला ने कहा कि मजदूर विरोधी 12 घण्टे के कार्यदिवस को लागू करने में अब बिहार सरकार भी शामिल हो गई है ।अब तक यूपी ,उत्तराखंड ,हिमाचल गुजरात, मध्यप्रदेश,राजस्थान ही थे।बाकी अन्य सरकार भी इसकी तैयारियां कर रही हैं। ये कदम मजदूर वर्ग को उनके संविधान प्रदत अधिकार से वंचित कर गुलाम बना देने की ओर धकेल देना है। मजदूर वर्ग अपने साथ हो रही ज़्यादती के खिलाफ जोरदार पलटवार की ओर बढ़ रहा है। आज के कार्यक्रम को मिला समर्थन इस बात का प्रमाण है। एक्टू के आज के विरोध प्रदर्शन में कई अन्य ट्रेड यूनियन भी शामिल हुए है और अन्य सेंट्रल ट्रेड यूनियन भी विरोध में कार्यक्रम की घोषणा करते जा रहे हैं।
कामरेड चंदोला ने बताया कि covid19 के आड़ में उत्तराखंड में हजारों मजदूरों को काम से निकाल देने की सूचनाएं मिल रही हैं।और स्थाई मजदूरों के बड़े हिस्से को covid19 के प्रथम लॉक डाउन के समय से ही वेतन से वंचित किया गया है।उत्तराखंड सरकार द्वारा खोले गए मजदूर सहायता लाइनों पर की गई बेतन कटौतियों की शिकायत पर आज तक कार्यवाही नही हुई है। हजारों मजदूर बेतन कटौती ,अधूरे बेतन के साथ मुश्किलों में जीवन यापन करने को मजबूर है।
एक्टू ने सरकार से 12 घण्टे के कार्यदिवस के ऑर्डर को वापस लेने व बकाया मजदूरी भुगतान की मांग की है।
आज के कार्यक्रम में देहरादून से एक्टू राज्य उपाध्यक्ष कामरेड के पी चंदोला, भाकपा माले गढ़वाल सचिव कामरेड इंद्रेश मैखुरी, भार्गव चंदोला देहरादून में शामिल हुए.
बाकी कुमाऊं में हल्द्वानी ,चंपावत, पिथौरागढ़, धरचुला, लालकुवा, पंतनगर रुद्रपुर, सितारगंज आदि जगहों पर कार्यकताओ में डिस्टेंव के साथ कार्यक्रम में भागीदार की।।