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उत्तराखंड: मुंबई में होगा ऋषभ पंत के लिगामेंट टियर का इलाज, जानें कैसै होता है ट्रीटमेंट

देहरादून :  ऋषभ पंत  को देहरादून के अस्पताल से मुंबई ले जाया जा रहा है, जहां उनके घुटने और टखने की लिगामेंट टियर का इलाज किया जाएगा। 25 साल के ऋषभ पंत, एक भयानक कार दुर्घटना में बाल-बाल बच गए, जब वे दिल्ली से अपने गृहनगर रुड़की जा रहे थे, लेकिन NH-58 राजमार्ग पर कंट्रोल खो बैठने से गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई।

दुर्घटना में ऋषभ के सिर पर चोट आई, पीठ पर कई घाव हैं और साथ ही घुटने और टखने में फ्रेक्चर नहीं बल्कि लिगामेंट टियर हुआ है। आइए जानें लिगामेंट इंजरी आखिर क्या होती है।

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लिगामेंट इंजरी या लिगामेंट टीयर एक तरह की चोट है। दरअसल, लिगामेंट फाइब्रस टिशू का एक कठोर बैंड होता है, जो दो हड्डियों को जोड़ता है। यह हड्डियों को कार्टिलेज से भी जोड़ता है। वैसे तो लिगामेंट काफी मजबूत होते हैं, लेकिन तेज़ झटके या दबाव की वजह से इनमें चोट आ सकती है जिसे टियर भी कहते हैं।

खिलाड़ियों को अक्सर इस तरह की इंजरी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर लिगामेंट इंजरी टखने, घुटने, अंगूठे, गर्दन या फिर पीठ पर होती है। आइए जानें लिगामेंट इंजरी कितनी तरह की होती है, इसके लक्षण और इलाज कैसे किया जाता है। लिगामेंट इंजरी का पता एक्सरे या एमआरआई से किया जाता है।

यह तीन तरह की हो सकती है:

पहला ग्रेड: इसमें मोच हल्की होती है और लिगामेंट को ज़्यादा नुकसान नहीं पहुंचा होता।

दूसरा ग्रेड: इस तरह की चोट में लिगामेंट टियर पार्शियल होता है।

तीसरा ग्रेड: यह एक गंभीर तरह की चोट होती है। जिसमें लिगामेंट पूरी तरह से टूट जाता है और काफी दर्द होता है।

  • इस तरह की चोट का इलाज उम्र, मोच की गंभीरता और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
  • अगर चोट ज़्यादा गंभीर नहीं है, तो व्यक्ति को आराम, कोल्ड कंप्रेशन और पैर को एलिवेशन पर रखने की सलाह दी जाती है।
  • क्योंकि लिगामेंट टियर में दर्द काफी होता है, इसलिए डॉक्टर आपको पेनकिलर दवाएं दे सकते हैं।
  • अगर इंजरी घुटने पर है, तो ब्रेस पहनने की सलाह मिल सकती है।
  • सूजन को कम करने के लिए बर्फ से सिकाई फायदेमंद होती है।
  • गंभीर मामलों में सर्जरी भी की जा सकती है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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