Sunday , 23 March 2025
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उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर कड़ी कार्रवाई जारी, अब तक 110 सील

देहरादून: उत्तराखंड में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में गुरुवार को उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों में 18 मदरसों को सील किया गया। इनमें से उधमसिंह नगर में 16 और हरिद्वार में 2 मदरसों पर प्रशासनिक कार्रवाई हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान से छेड़छाड़ और धर्म की आड़ में चल रहे अवैध कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अब तक 110 मदरसे सील

राज्य में पिछले एक महीने से प्रशासन द्वारा अवैध मदरसों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के अनुसार, ये मदरसे बिना किसी आधिकारिक अनुमति के संचालित किए जा रहे थे। प्रारंभ में राज्य सरकार ने इन्हें चेतावनी दी थी, लेकिन जब ये मदरसे सरकारी आदेशों का पालन करने में असफल रहे, तब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन्हें सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी।

अब तक की कार्रवाई 

  • रुद्रपुर में 4,
  • किच्छा में 8,
  • बाजपुर में 3,
  • जसपुर में 1,
  • हरिद्वार में 2 मदरसे सील किए गए।

इससे पहले देहरादून और पौड़ी में 92 मदरसों पर कार्रवाई की जा चुकी है। अब तक प्रदेशभर में कुल 110 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है।

कौन दे रहा था संरक्षण?

सरकार ने इन मदरसों के वित्तीय स्रोतों और उनके संचालन से जुड़े व्यक्तियों की जांच भी शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि इन अवैध मदरसों के पीछे कौन लोग हैं और यहां किस तरह की शिक्षा दी जा रही थी। प्रशासन को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही साफ कर दिया था कि धर्म की आड़ में किसी भी तरह की गैर-कानूनी गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा और प्रशासन को इन मामलों में निर्भीक होकर कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई है। प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई के बाद कई स्थानों पर मदरसा संचालकों और स्थानीय प्रशासन के बीच तनाव भी देखने को मिला, लेकिन सरकार अपने रुख पर अडिग बनी हुई है।

राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अवैध रूप से संचालित सभी मदरसों की पहचान कर उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी मान्यता प्राप्त धार्मिक और शैक्षणिक संस्थान सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप ही संचालित हों।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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