गुलरघाटी गोदाम में भारी अनियमितताएं, वरिष्ठ विपणन अधिकारी और एआरओ पर कार्रवाई.
देहरादून, 26 मार्च 2025: मुख्यमंत्री के निर्देशों पर खाद्य आपूर्ति की गुणवत्ता जांचने के लिए.
देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज गुलरघाटी बेस खाद्य गोदाम का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं सामने आईं, जिससे डीएम ने मौके पर ही सैंपलिंग करवाई और मानकों पर खरा न उतरने वाले अनाज को रिजेक्ट कर दिया। इस दौरान वरिष्ठ विपणन अधिकारी विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी (एआरओ) अजय रावत पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करते हुए वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
खाद्य आपूर्ति में लापरवाही उजागर
निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां पाई गईं। गोदाम में अनाज भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं थी, न ही एफआईएफओ (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट) का पालन किया जा रहा था। अनाज रखने के लिए निर्धारित रैक नहीं थे, ना ही चूहों से सुरक्षा के लिए कोई ट्रैपिंग सिस्टम मौजूद था। बोरी सिलाई में भी मानक सुतली का प्रयोग नहीं किया गया था।
डीएम ने जब अनाज की बोरियों की जांच करवाई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
- बोरियों पर भरण तिथि और वजन अंकित नहीं था।
- कुल वजन 50.580 किलो होना चाहिए था, लेकिन वास्तविक वजन 50.150 किलो पाया गया, जो मानकों से कम था।
- मौके पर लिए गए सैंपल फेल हो गए, जिससे कई कुंटल अनाज रिजेक्ट कर दिया गया।
कड़े निर्देश, कठोर कार्रवाई की चेतावनी
निरीक्षण के दौरान डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि पहले आए अनाज का पहले विपणन (एफआईएफओ) किया जाए और खाद्य गुणवत्ता के मानकों का सख्ती से पालन हो। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी, स्कूलों के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूरस्थ ग्रामीणों को निकृष्ट अनाज परोसा जाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिम्मेदार अधिकारियों पर गिरी गाज
जिलाधिकारी ने अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए वरिष्ठ विपणन अधिकारी विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी अजय रावत की प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने, वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही, गोदाम की अनियमितताओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजने के आदेश दिए।
गुलरघाटी बेस गोदाम से होता है गढ़वाल मंडल के जिलों में आपूर्ति
यह गोदाम सिर्फ देहरादून ही नहीं, बल्कि पूरे गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों में खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र है। ऐसे में इस तरह की लापरवाही से हजारों लोगों की सेहत को खतरा हो सकता था। डीएम ने निर्देश दिया कि भविष्य में अगर कोई भी लापरवाही सामने आती है, तो संबंधित अधिकारियों पर और सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, तहसीलदार सुरेंद्र देव, फूड सेफ्टी ऑफिसर समेत कई अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।