Saturday , 24 May 2025
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VIDEO : उत्तराखंड में रात के अंधेरे में हो रहा अवैध खनन, सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा में उठाया मामला, खनन निदेशक का पलटवार

नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड में अवैध खनन का मामला एक बार फिर तूल पकड़ चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए सरकार और राज्य प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों में रात के अंधेरे में दौड़ रहे अवैध खनन ट्रकों पर गंभीर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि इस अवैध कारोबार को प्रशासन की मिलीभगत से संरक्षण मिल रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।


लोकसभा में क्या बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत?

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा,“उत्तराखंड में अवैध खनन लगातार बढ़ रहा है। रात के अंधेरे में हजारों की संख्या में ओवरलोडेड ट्रक बिना किसी रोक-टोक के दौड़ते हैं। यह केवल एक पर्यावरणीय समस्या नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था और सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगी?” उनका यह बयान आते ही संसद में खलबली मच गई। जहां विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा, वहीं सत्ता पक्ष ने इस पर जवाब देने में सतर्कता बरती।

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खनन निदेशक का पलटवार

त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के बाद उत्तराखंड के खनन निदेशक ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने रावत के दावों को “गलत और भ्रामक” करार देते हुए कहा कि, “उत्तराखंड में खनन प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत चल रही है। राज्य ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक का सबसे अधिक खनन राजस्व अर्जित किया है। वाहनों को रात में चलने की अनुमति इसलिए दी जाती है, ताकि दिन में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, हमने अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स भी गठित की है।” लेकिन, जमीनी हकीकत इससे काफी अलग नजर आती है। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि टास्क फोर्स की उपस्थिति के बावजूद अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद प्रशासन कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता।


क्या यह मामला यहीं थमेगा?

त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह बयान महज एक राजनीतिक स्टंट है या वे वास्तव में इस मुद्दे को गंभीरता से उठा रहे हैं—यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन एक बात तय है कि उनका लोकसभा में बयान देना इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है। क्या टास्क फोर्स को और सशक्त किया जाएगा? क्या अवैध खनन के खिलाफ कोई विशेष जांच बैठाई जाएगी? या फिर यह मामला अन्य राजनीतिक विवादों की तरह समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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