देहरादून : हाईकोर्ट से यात्रियों की संख्या पर लगी पाबंदी हटने के बाद सरकार ने चार धाम यात्रा संचालन के लिए SOP जारी कर दी है। SOP में यात्रा के दौरान उन नियमों का पालन करना होगा, जो सरकार ने तय किए हैं।
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और गंगोत्री में 1000, 800, 600 और 400 यात्रियों को प्रतिदिन दर्शन की अनुमति प्रदान की गयी थी। लेकिन, अब यह पाबंदियां हटा दी गई हैं।
प्रवेश और पंजिकरण
1. उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल (http://smartcitydehradun.uk.gov.in) पर राज्य के बाहर से प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- ii सभी तीर्थयात्रियों द्वारा COVID वेक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन के उपरान्त प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही चार धाम यात्रा की अनुमति प्रदान की जा सकेगी। यदि यात्री द्वारा COVID वेक्सीन की 1 अथवा कोई डोज नहीं लगवायी गयी हो, ऐसे यात्रियों को यात्रा तिथि से अधिकतम 72 घंटे पूर्व की RTPCR/ TrueNat / CBNAAT/RAT COVID नेगेटिव रिपोर्ट के बाद ही दर्शन की अनुमति दी जायेगी।
iii उत्तराखंड राज्य के भीतर के व्यक्तियों को उत्तराखंड देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल (http://smartcitydehradn.uk.gov.in) पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
iv किसी भी यात्री को राज्य के अंदर किसी भी जांच बिंदु पर बुनियादी जांच के दौरान संक्रमित पाया जाता है तो उन्हें COVID-19 परीक्षण हेतु नामित परीक्षण केंद्रों / अस्पतालों में COVID- 19 परीक्षण (RT&PCR / रैपिड एंटीजन / TruNat परीक्षण) के लिए भेजा जाएगा। पॉजिटिव पाए जाने पर लक्षणों की गंभीरता और MoHFW प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें CCC/DCHC, DCH के लिए रेफर किया जाएगा।
1 (ii) ग. धामों की coVID वहन क्षमता
कोविड-19 प्रोटोकॉल के दृष्टिगत धाम में उपलब्ध आवासीय सुविधा एवं धाम एवं मंदिर परिसर में उपलब्ध स्थान के दृष्टिगत सामाजिक दूरी के मानदंडों ( 6 फीट) का अनुपालन करते हुए धामों में दर्शन हेतु अनुमति प्रदान की जायेगी।
3 शासनादेश सं-604 / VI / 21-83 (5) 2021 दिनांक 17.09.2021 के द्वारा निर्गत मानक प्रचालन विधि (एस०ओ०पी०) में चारों धामों में (क) पंजीकरण प्रक्रिया एवं (ख) पंजीकरण चैकिंग में उल्लिखित प्राविधानों को निरस्त किया जाता है।
4 उपरोक्त संशोधनों के अतिरिक्त शासनादेश सं-604 / VI/21-83 (5) 2021 दिनांक 17.09. 2021 के द्वारा निर्गत मानक प्रचालन विधि (एस०ओ०पी०) के शेष प्राविधान यथावत् रहेंगे।