देहरादून : 2022 के विधानसभा चुनाव के रण के लिए मैदान तैयार है। सेनाएं सज चुकी हैं। सभी दलों ने अपने-अपने योद्धा इस चुनाव रण में उतार दिए हैं। कुछ बिना दलों के भी निर्दलीय ही चुनावी समर में उतर पड़े हैं। इसी रण में दो बेटियां भी मैदान में हैं। दोनों बेटियों ने अपने पिताओं की हार का बदला लेने की ठानी है। क्या वो अपने पिताओं की हार का बदला ले पाएंगी?
कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा ने ऋतु खंडूरी को चुनाव मैदान में उतारा है। इसी सीट पर पूर्व सीएम बीसी खंडूरी चुनाव हार चुके हैं। भाजपा ने तब खंडरी हैं, जूरीर का नारा दिया था। इस नारे के बाद भाजपा को जीत की उम्मीद थी, लेकिन भाजपा को उसमें कामयाबी नहीं मिली थी। इसी एक हार से भाजपा सत्ता से दूर रह गई थी।
एक तरफ पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत भी हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट से सीएम रहते हरीश रावत पिछले चुनाव में 10 हजार से अधिक के अंतर से चुनाव हार गए थे। उनको स्वामी यतीस्वरानंद ने मात दी थी। तब मोदी लहर थी, लेकिन इस बार हालात कुछ बदले-बदले हैं।
अनुपमा रावत की राह आसान नहीं है। कांग्रेस के कई नेता उनको प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि, राहत इस बात की भी है कि स्वामी यतीस्वरानंद का भी भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा कार्यालय में लोगों ने विरोध भी किया था।
इधर, दूसरी तरफ जनरल बीसी खंडूरी की उस हार का बदला लेने अब उनकी बेटी ऋतु खंडूरी मैदान में हैं। ऋतु खंडूरी के सामने पिता की हार का बदला लेना बहुत बड़ी चुनौती है। कोटद्वार से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेंद्र सिंह नेगी मैदान में हैं। सुरेंद्र सिंह नेगी पिछला चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार वो फिर से पूरी ताकत से चुनाव मैदान में हैं।
अब देखना होगा कि दोना बेटियां इस बार अपने पिताओं की हार का बदला ले पाती हैं या नहीं। दोनों पूर्व सीएम की बेटियों के सामने बड़ी चुनौती है। दोनों के ही सामने बड़े नेताओं से पार पाने की चुनौती है। यह देखने वाली बात होगी कि इस बार जनता उन पर भरोसा करती है या फिर एक बार उनको हार का सामना करना पड़ता है।