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उत्तराखंड: बयान पर मचा बवाल, मुन्ना सिंह चौहान ने कहा-मेरा वो मतलब नहीं था…VIDEO

विकासनगर: भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान दिए उनके बयान पर बवाल मचाने के बाद अब सफाई दी है। उन्होंने बकायदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को पत्र लिखकर खेद जताया है। साथ ही एक वीडियो बयान भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बयान का निगेटिव नरेटिव सेट किया गया है।

पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड विधानसभा के गैरसैंण सत्र में विधेयक पर चर्चा के दौरान मैंने अलग-अलग प्रदेशों के आरक्षित वर्गों का संदर्भ दिया और दृढ़ता के साथ यह तर्क सदन में दिया कि कानूनी तौर पर एक राज्य की आरक्षित वर्गों की सूची दूसरे राज्यों पर लागू नहीं होती।

क्योंकि आरक्षित वर्गों का निर्धारण राज्यों के अनुसार होता है अर्थात् राज्य का विशिष्ट है। मेरा यह वक्तव्य वैधानिक रुप से पूर्णतया ठीक है। इसी क्रम में मेरे द्वारा मुख्यतः उधमसिंह नगर में रहने वाले नमोशुद्र (बंगाली) समुदाय का संदर्भ देते हुए कहा गया कि उधमसिंह नगर में विस्थापित नमोशुद्र (बंगाली) समुदाय रह रहा है, उस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है।

मेरे इस कथन का गलत नरेटिव सेट करके पेश किया गया। इससे बंगाली समुदाय की भावना आहत हुई है। इसके लिए मुझे खेद है। मेरे कहने का आशय यही था कि विस्थापित होकर आए इस हिंदू बंगाली समुदाय को सरकार ने यहां बसाया है और ये सभी शांतिप्रिय एवं मेहनती समाज उत्तराखंड का अभिन्न अंग है।

मैं यह तथ्य भी पुनः स्पष्ट कर रहा हूं कि उत्तर प्रदेश के समय 27-28 वर्ष पूर्व जब नमोशुद्र का प्रकरण भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयोग (आरजीआई) भारत सरकार को भेजा गया था, तब यह कहा गया कि संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश-1950 के अध्याय XIX में वर्णित सूची के क्रमांक 46 पर अकिंत नमोशुद्र की व्यवस्था पश्चिम बंगाल के बारे में है, उत्तर प्रदेश के बारे में नहीं है, इसलिए मैंने यह भी नहीं कहा कि कौन एससी हो सकता है कौन नहीं क्योंकि इसका निर्धारण राज्य की परिस्थितियों के अनुसार होता है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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