देहरादून: भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तराखंड प्रभारी के बयान पर कांग्रेस में भारी आक्रोश है। कांग्रेस ने कहा कि सत्ता ही हनक में भाजपा नेता कुछ भी कहने और करने पर उतारू हैं। सत्ताधारी दल के नेताओं को अपने भीतर झांकना चाहिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि ऐसी सोच भाजपा की ही हो सकती है।
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया के बाद दुष्यंत कुमार गौतम अपनी बात से पलट तो गए, लेकिन बयान वापस लेने के बजाय अपने ही बयान को फिर से घुमाफिराकर पेश कर दिया और इस बार राहुल गांधी को निशाने पर लिया। गौतम ने कहा कि उन्होंने तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का उद्धरण दिया था, न कि अपनी राय रखी थी। मंदिर जाने की नीयत पर कांग्रेसियों को अपने नेता से मंशा पूछनी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस कोई भी प्रयोग करे हमें कोई दुख नहीं है। दुख इस बात का है कि कांग्रेस की विचारधारा सनातन धर्म का विरोध करना है। मंदिरों में लड़कियों को छेड़ने जाते हैं। भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हैं। अब उसी परिपाटी का अध्यक्ष ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जो कहते हैं कि सनातन धर्म आ जाएगा तो देश में हाहाकार मच जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी और सुजाता पाल ने गौतम के बयान पर तीखी आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपाइयों ने उत्तराखंड को कई बार शर्मसार किया है। भाजपा प्रभारी गौतम का यह बयान उनकी बौखलाहट बताता है। यह भाजपा की मानसिक विकृति को भी साफ करने वाला बयान है। यह विवादास्पद बयान सोची-समझी रणनीति के तहत सरकार के भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने के लिए दिया गया है। उन्होंने गौतम के इस्तीफे की मांग की है।
कांग्रेस के हमलावर रुख अख्तियार करने पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री गौतम ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पूर्व में दिए गए बयान का उद्धरण देते हुए उनकी सोच पर टिप्पणी की थी। बेहतर होगा कि कांग्रेसी इसका जवाब अपने नेता से पूछें कि वह किस उद्देश्य से मंदिर जाते हैं ।
गौतम ने कहा कि राहुल गांधी ने पूर्व में मंदिर जाने वालों को लड़की छेडऩे वाला बताया था। इसी का उल्लेख उन्होंने किया, न कि अपनी निजी राय रखी। उन्होंने कांग्रेस के विरोध पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि उनकी दिनचर्या और जीवनशैली सनातन है। हमारा पूर्ण विश्वास है कि मंदिर में लोग पवित्र विचार लेकर जाते हैं।
कांग्रेसियों को राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वे मंदिर में गलत उद्देश्य से नहीं जाते हैं। राहुल को ही शक है कि मंदिर में लोग लड़कियां छेडऩे जाते हैं। गौतम ने कहा कि जो लोग भगवान राम को नहीं मानते, उनके जन्मस्थान को नहीं मानते, रामसेतु को काल्पनिक बताते हैं, कोर्ट में हलफनामा देते हैं, उनमें मंदिर की पवित्रता का ज्ञान होने की उम्मीद रखना बेमानी है।