देहरादून: सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का प्रथम सत्र आज मंगलवार से शुरू हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र का आगाज हुआ। इससे पहले राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में महंगाई के विरोध में बैनर दिखाए। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग कर रही है।
सरकार को घेरा
संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मातृ शिशु सेवा में सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत तीन हज़ार रुपये दिए जा रहे हैं। बुजुर्गों व दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है।वहीं हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत विधानसभा सदन के बाहर महंगाई के विरोध में धरने में बैठ गईं। विपक्ष न महंगाई के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा।
बजट की मुख्या बातें
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का लेखानुदान सदन पटल पर रखा। मंगलवार को पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सीएम ने नए वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माह के लिए लगभग 21 हजार 116 करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश किया. सास ही सदन की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई।
पूर्ण बजट पर विस्तृत चर्चा
विधान सभा से पूर्ण बजट पर विस्तृत चर्चा के बाद विधेयक पारित कराने व इसके अधिनियम बनने में समय लग सकता है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु राज्य की समेकित निधि से धनराशि आहरण की आवश्यकता होगी। संविधान के अनुच्छेद 206 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार मुख्यतः बचनबद्ध मदों के आहरण हेतु प्रथम चार माह का आय-व्ययक (लेखानुदान) सदन में प्रस्तुत किया गया है।
62468.50 करोड़ का बजट प्रस्ताव
विभागों से प्राप्त आकडों के आधार पर विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 62468.50 करोड़ का बजट प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसके प्रथम चार माह (अप्रैल 2022 से जुलाई 2022) में होने वा सम्भावित अध्यय हेतु पूर्ण बजट का 1/3 भाग लेखानुदान 21116.81 करोड़ (इक्कीस हजार एक सौ सोलह करोड इक्यासी लाख) रखा गया है।
कुल व्यय 21116.81 करोड़
लेखानुदान के अन्तर्गत कुल व्यय 21116.81 करोड़ में राजस्व व्यय के अन्तर्गत 16007.63 करोड और पूंजीगत व्यय के अन्तर्गत 5109.18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत कुल 3715 करोड, बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के अन्तर्गत 593 करोड़ एवं नाबार्ड योजनाओं के अन्तर्गत 270 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वचनबद्ध व्यय में वेतन और भत्ते
वचनबद्ध व्यय में वेतन और भत्तों के अन्तर्गत 5796 करोड, पेशन और अन्य रोवानिवृत्ति लाभों के अन्तर्गत 2229 करोड़, ब्याज भुगतान के अन्तर्गत 2256 करोड़, ऋण अदायगी के अन्तर्गत 1563 करोड एवं स्थानीय निकायों को हस्तातरण के अन्तर्गत कुल 460 करोड़ का प्रावधान किया गया।