देहरादून: देश के पहले फुल वर्चुअल होम स्कूल सीज ग्लोबल इंसीट्यूट का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। उत्तराखंड से संचालित होने वाले पहले फुल वर्चुवल इंसीट्यूट के जरिए भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक गणित, विज्ञान और भारतीय शास्त्रीय संगीत, संस्कृति, कला और परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। अब संस्कृत को भी कैम्ब्रिज बोर्ड के माध्यम से एफिलेएटेड विश्व भर के स्कूल पढ़ा पायेंगे।
संस्थान की संस्थापक रीना त्यागी ने कहा कि जब बच्चे को बिना किसी दिलचस्पी के किसी विषय को सीखने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है। वर्चुअल होम स्कूल स्कूली शिक्षा के विकल्प के रूप में कार्य करता है। और इससे बच्चे का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। एक बच्चा एक विषय में कमजोर हो सकता है लेकिन दूसरे में मजबूत हो सकता है। ऐसे में माता-पिता के पास बच्चे की रूचि के अनुरूप क्षेत्र चुनने का विकल्प होता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि होम स्कूलिंग में परीक्षाएं तनाव मुक्त होती हैं और बच्चे में अपनी तैयारी के अनुसार परीक्षा देने का लचीलापन होता है। माता-पिता अपने बच्चे के अभिनव विचारों और स्कूल में शिक्षकों की तुलना में अनुसूची में बदलाव के लिए अधिक खुले हो सकते हैं। पहले, स्कूलों को शिक्षा का प्राथमिक स्रोत माना जाता था, लेकिन हर बच्चा उसी तरह चीजों को समझने में सक्षम नहीं था।
माता-पिता ने अपने बच्चे को शिक्षा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में होमस्कूलिंग का विकल्प चुना है। वर्चुवल उद्घाटन अवसर पर डाॅ. संदीप मारवाह, डाॅ. राधा सिंह, साउथ अफ्रीका से डाॅ. स्टीव रार्मन, अमेरिका से डाॅ. माइक लोकेट समेत कई लोग सीज ग्लोबल इंसीट्यूट के वर्चुवल होम स्कूल के उद्घाटन अवसर पर जुड़े रहे। स्कूल से जुड़े लोगों ने सहयोग के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का आभार जताया।