Thursday , 19 June 2025
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उत्तराखंड: कल से दिल्ली में रोडवेज बसों की नो-एंट्री, ये है वजह

देहरादून: दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड रोडवेज को नोटिस जारी कर शनिवार से बसों के संचालन पर रोक लगाने की बात कही है इस नोटिस से परिवहन निगम में हड़कंप मच गया दिल्ली में रोडवेज बसों की नो एंट्री से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा दरअसल देहरादून से दिल्ली के लिए करीब 350 बसों का संचालन होता है।

कल शनिवार से दिल्ली में इन बसों की नो-एंट्री हो जाएगी। उत्तराखंड की बसों को दिल्ली पुलिस ने को इसके नोटिस थमा दिए कि एक अक्टूबर से बसों का संचालन दिल्ली के अंदर नहीं किया जा सकेगा।

दिल्ली सरकार ने एक अक्टूबर से सिर्फ बीएस-6 बसों के प्रवेश की अनुमति दी हुई है, जबकि उत्तराखंड परिवहन निगम के पास बीएस-6 श्रेणी की अपनी एक भी बस नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केवल 50 अनुबंधित बसें ही ऐसी हैं, जो बीएस-6 श्रेणी की हैं। दिल्ली सरकार ने एक माह पूर्व ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी। सवाल यह है कि जब अधिकारियों को इस बात की पहले से जानकारी थी तो फिर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया।

जिसका खामियाजा परिवहन निगम के साथ ही लोगों को भी भुगतना पड़ेगा। अब अधिकारियों ने सरकार से मामले के समाधान के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

ये पड़ेगा असर

  • उत्तराखंड की बसों में रोजाना पचीस से तीस हजार यात्री दिल्ली का सफर करते हैं।
  • अगर बसों का दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा तो उत्तराखंड की बसें दिल्ली बार्डर पर स्थित आनंद विहार बस अड्डे तक ही जा सकेंगी।
  • इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होगी बल्कि उत्तराखंड रोडवेज को भी घाटा उठाना पड़ सकता है।
  • तकरीबन 1250 बस बेड़े वाले उत्तराखंड रोडवेज की 350 बसों का संचालन रोज दिल्ली के लिए होता है।
  • इसके अलावा 50 बसें ऐसी हैं, जो दिल्ली होकर गुजरती हैं।
  • इनमें देहरादून मंडल की 200 बसें और कुमाऊं मंडल की 150 बसें शामिल बताई जा रहीं।
  • रोडवेज के आंकड़ों के मुताबिक निगम की बसें रोजाना औसतन सवा लाख यात्रियों को परिवहन कराती हैं।
  • इनमें दिल्ली रूट पर पचीस से तीस हजार यात्री सफर करते हैं।
  • उत्तराखंड रोडवेज की ज्यादातर बसें दिल्ली के प्रमुख बस अड्डे कश्मीरी गेट तक जाती हैं।
  • ऐसे में दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध संबंधी चेतावनी का पत्र जारी होने के बाद उत्तराखंड में भी हड़कंप मच गया है।
  • रोडवेज अधिकारियों की मानें तो उन्हें अब तक अधिकारिक तौर पर बसों के प्रवेश के रोक का पत्र नहीं मिला है, हां इसकी एडवाइजरी जरूर मिली थी।
  • रोडवेज के लिए दिल्ली मार्ग सर्वाधिक आय वाला माना जाता है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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