Friday , 22 November 2024
Breaking News

उत्तराखंड: हाईकमान की चेतावनी, हरक को नहीं पड़ा फर्क, एक और बयान…

देहरादून: हरक सिंह रावत। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक वो हमेशा से ही छाए रहे। हरक अपनी बेबाकी में लिए जाने जाते हैं। राजनीति में कब कौन सा दांव चलना है, हरक से बेहतर कोई नहीं जानता। उन पर कई तरह के आरोप लगे, लेकिन वो हर विवाद से साफ निकल आए।

भावनाओं में हरक कई बार ऐसी बातें भी बोल देते हैं, जो उनको मुश्किल में डाल देती हैं। लेकिन, जितनी तेजी से हरक फंसते हैं। उतनी ही तेजी से उस जाल से बार भी निकल आते हैं। कभी लगता ही नहीं है कि उनको काई फर्क भी पड़ा होगा।

हरक का यही अंदाज लोगों को पसंद आता है। हरक सिंह रावत की एक खास बात यह है कि अपने कार्यकर्ताओं के लिए वो भिड़ जाते हैं। कई बार आंदोलनों और प्रदर्शनों के दौरान अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए खुद सामने आकर खड़े हो जाते हैं। उनकी यही खूबियां हरक को विजेता बनाती हैं। जहां भी जाएंगे, जीतकर ही चुप बैठते हैं।

हरक ने हरीश रावत की सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हरदा भी हरक से खासे नाराज थे। ये बात अलग है कि हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच फिर से सुलह हो गई है। ये सुलह कहां तक रहती है और क्या गुल खिलाती है, फिलहाल कह पाना मुश्किल है।

इस बीच हरक ने एक के बाद एक कई तरह के बयान दिए। चाहे अपने कार्यकाल से संतुष्ट नहीं होने की बात हो या फिर त्रिवेंद्र के साथ उनकी तल्खी। उन्होंने पहले भी त्रिवेंद्र को बेरोजगार कहा था। अब एक बार फिर हरक ने त्रिवेंद्र पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र अब केवल विधायक है, इसलिए उनके पास काम नहीं है। ऐसे में अब वो बरगद के पौधे रोक रहे हैं।

इसी तरह के बयान के लिए हरक पार्टी न हरक से जवाब भी मांग था। पार्टी अध्यक्ष ने खुद उनसे फोन पर बात की थी। उसके बाद हरक ने मसूरी में भी एक बयान दिया था। उस बयान में उन्होंने कहा था कि राज्य आंदोलनकारियों की आत्मा रोती होगी कि राज्य किन नालायकों के हाथों में सौंप दिया।

उनके उस बयान के बाद पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कथा कि हरक परिवार के लाडले बच्चे हैं, उनको भी डांट पड़ेगी। लेकिन, अब तक इस बात का पता नहीं चला है कि उनको डांट पड़ी है या नहीं। लेकिन, हरक को पार्टी की चेतावनियों से कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। यही कारण है कि उन्होंने फिर से त्रिवेंद्र पर निशाना साधा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

उत्तराखंड: मस्जिद विवाद पर दीपक बिजल्वाण फायर, बोले-काशी नगरी में ये नहीं चलने वाला…Video

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में मस्जिद हटाने के विरोध में निकाली गई जन आक्रोश रैली में लाठी …

error: Content is protected !!