देहरादून: कोविड कर्फ्यू में ढील मिलते ही बाजारों में जो भीड़ उमड़ी, उसे देखकर ये कह पाना मुश्किल है कि हम कोरोना का कहरा पाएंगे। फिलहाल जो स्थिति काबू में आई भी है, वह फिर से खतरनाम मोड की ओर भी बढ़ सकती है। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ कम होने के बाद सरकार ने कर्फ्यू में ढील देकर बाजारों को सशर्त खोलने की अनुमति दी है।
लेकिन, कोविड कर्फ्यू में छूट के दौरान देहरादून, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, काशीपुर, रुद्रपुर, उत्तरकाशी, श्रीनगर, रुड़की, हरिद्वार समेत राज्य के लगभग सभी बड़े बाजारों में ऐसे नजारे नजर आए, जिनको देखकर कोरोना के फिर से पैर पसारने का खतरा हो गया है। बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां भी उड़ीं।
दुकानदार भी मास्क से सहीं से ढंग नहीं पहने हुए थे। बाजार में तो कई स्थानों पर ऐसा लग रहा था कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो चुका है। न कोई सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहा था न मास्क का सही तरीके से मास्क का। लेकिन दुकानदार सरकार के निर्णय खुश नहीं दिखे। दुकानदारों का कहना था जिस तरह से बाजार खोला गया है।
उसको देखते हुए ऐसा लग रहा है कि लोगों ने लापरवाही बरती तो संक्रणम फैलने से कोई रोक नहीं सकता है। सरकार को नियमित बाजार खोलना चाहिए चाहे सुबह 8 से 1 बजे तक या शाम 4 बजे तक। यदि इस तरह से बाजार खोला गया तो भीड़ ही बढ़ेगी और संक्रमण का खतरा भी।