देहरादून: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आंदोलन का असर नजर आने लगा है। उन शिक्षकों ने प्रभारी प्रधानाचार्य का पदभार संभाल रहे हैं। उन्होंने पद छोड़ने शुरू कर दिए हैं। इस बीच अधिकांश प्रभारी प्रधानाचार्यों के पदभार छोड़ने की सूचना है। संगठन और प्रभारी प्रधानाचार्यों ने इसकी सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को दे दी गई है।
शिक्षकों के आंदोलन के कारण व्यवस्थाओं पर भी असर पड़ता हुआ नजर आ रहा है, जहां 16 नवंबर को उधम सिंह नगर जिले में खेल महाकुंभ के आयोजन को निरस्त करना पड़ा। वहीं, अब आज 17 नवंबर से शुरू होने वाली अजीज प्रेमजी फाउंडेशन की हमारी विरासत पुस्तक से जुड़े कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।
शिक्षा निदेशालय में तालाबंदी के बाद भी शासन व शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक समस्याओं के निराकरण पर कोई पहलकदमी न लिए जाने से गुस्साए राजकीय शिक्षक संघ ने पूर्व में ही इस प्रभारी प्रधानाचार्यों द्वारा पद भार छोड़ने का ऐलान कर दिया था।
शिक्षक संघ के प्रांतीय नेता पूर्व मंडलीय मंत्री नवेंदु मठपाल ने बताया कि शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने शासन को नोटिस थमा पूर्व में ही एलान कर दिया था की 17 नवंबर से प्रभारी प्रधानाचार्य प्रभार छोड़ देंगे साथ ही कोई भी शिक्षक शिक्षण के अतिरिक्त कोई कार्य नहीं करेंगे।
प्रांतीय अध्यक्ष रामसिंह चौहान ,प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली द्वारा अपने पदाधिकारियों को जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि जनपद कार्यकारिणी को अपने स्तर से जिलाधिकारी को नोटिस की सूचना दे देगी।
नोटिस की बड़ी बातें
- शिक्षक 17 नवम्बर के बाद न चुनाव संबंधी कोई कार्य करेंगे।
- न ही खेल महाकुंभ में भाग लेंगे।
- कोई भी विभागीय प्रशिक्षण भी नहीं लेंगे।
- बाल गणना भी नही करेंगे।
नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि किसी विभागीय अधिकारी ने किसी भी शिक्षक के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की गई तो एसे अधिकारी के खिलाफ FIR की जाएगी।
आंदोलन के मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री एवम शिक्षा मंत्री को शिक्षकों की भावनाओं से अवगत कराते हुए पोस्टकार्ड भेजे जाएंगे।प्राप्त जानकारी के अनुसार कई ब्लाकों में खेलमहाकुंभ स्थगित कर दिए गए हैं।विभाग द्वारा राज्यस्तर पर पुस्तक लेखन की कार्यशाला को भी स्थगित कर दिया गया है।